TI पर फायर मामला, मंदसौर पुलिस ने बदमाशों की निकाली बारात, बरसाई लाठियां, देखें वीडियो

Gaurav Sharma
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मंदसौर,डेस्क रिपोर्ट। मंदसौर में पुलिस (mandsaur police) और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में इनामी बदमाश अमजद लाला (Amzad lala) ने टीआई पर गोली चला दी थी। गोली चला कर बदमाश फरार (absconded) हो गया था। वही टीआई इस घटना में बाल-बाल बचे थे। जिसके बाद बीती रात मंदसौर पुलिस (mandsaur police) ने मुठभेड़ में शामिल आरोपी के परिजनों को गिरफ्तार कर उनका मंदसौर के मुख्य मार्गों से जुलूस निकाला। साथ ही पुलिस ने बदमाशों पर जमकर लाठियां भी बरसाई। पुलिस के द्वारा बदमाशों की इस पिटाई का वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

दरअसल मंदसौर जिले के सीतामऊ थाना क्षेत्र के बिलाड़ा गांव में बदमाश अमजद लाला के आने की खबर पुलिस को लगी थी। जिसके बाद टीआई अमित सोनी बदमाश अमजद लाला को पकड़ने के लिए मौके पर पहुंचे थे। करीब 10:30 बजे जब टीआई अमित सोनी ने बदमाश को देखा तो वह उससे ललकारते हुए पकड़ने के लिए दौड़े। अपनी तरफ टीआई को आता देख बदमाश अमजद ने अपनी पिस्टल निकाली और टीआई पर गोली चला दी और वह वहां से फरार हो गया। अमजद द्वारा चलाई गई गोली टीआई अमित सोनी के सीने के पास से निकल गई, जिसके चलते वह मामूली रुप से घायल हुए है ।

 

जैसे ही मंदसौर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी को पूरे मामले की जानकारी लगी उन्होंने तत्काल ही सभी थानों की फोर्स को घटनास्थल पर पहुंचा दिया। बता दें कि अमजद लाला मंदसौर जिले का कुख्यात बदमाश है, जिस पर एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने इनाम भी घोषित किया हुआ है। वहीं पुलिस के सूत्र बताते हैं कि अमजद लाला को पुलिस ने घेर लिया था, जिससे बचने के लिए अमजद ने गोली चला दी। गोली चलाने  के बाद अमजद अपने रिश्तेदार इमरान लाला के घर में घुस गया। पुलिस अधीक्षक ने बदमाश अमजद लाला के नाम की इनामी राशि को बढ़ाकर 20000 कर दिया है।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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