शहीद परिमाल सिंह का सैनिक सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

Gaurav Sharma
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मुरैना, संजय दीक्षित। पोरसा में बुधवार को ग्राम पंचायत श्यामपुर कला के मजरा पूठा में शहीद परमाल सिंह तोमर हवलदार का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। हवलदार परिमाल सिंह तोमर फतेहगढ़ में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे। जिसके बाद उनका शव अंतिम संस्कार के लिए गांव में लाया गया। जहां उनके जेष्ठ पुत्र ने मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया।

इस दौरान परिवार के सदस्यों के साथ-साथ ग्रामीणों ने शहीद परिमाल सिंह को नम आखों से विदाई दी। ग्रामीणों और रिश्तेदारों ने परिवार को ढांढस बंधाया और वही अन्तिम संस्कार से पूर्व गांव में श्मशानघाट पर सेना के जवानों ने शहीद की पार्थिव देह को सलामी दी ।

इस दौरान पूर्व विधायक कमलेश जाटव ने कहा कि आज हमारे अंचल में हवलदार परिमाल सिंह शहीद हुए हैं। यह काफी दुखद घटना है। इस दुख की घड़ी में भगवान शहीद परिमाल सिंह की आत्मा की शांति दे और परिवार को दु:ख सहने की शक्ति प्रदान दे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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