आलीराजपुर, यतेन्द्रसिंह सोलंकी। केंद्र सरकार (central Government) द्वारा पारित कृषि बिल (Agriculture bill) से आदिवासियों का नुकसान होगा, आने वाली पीढ़ी को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। सरकार निजीकरण के नाम पर जनता का अहित कर रही है। वहीं टैक्स की लूटनीति के कारण आम लोगों को महंगे दामों पर पेट्रोल व डीजल खरीदना पड़ रहा है। सरकार और पेट्रोलियम कंपनियों ने कोरोनाकाल में करीब 25 हजार करोड़ रूपए कमा लिए। जबकि कच्चे तेल की कीमतों में हुई कमी का लाभ देश की आम जनता को दिया जाना चाहिए था। लेकिन सरकार टैक्स की लूटनीति अपनाकर मुनाफावसूली में मशगूल रही। ये बात विधायक मुकेश पटेल ने ग्राम उमरठ में माध्यमिक स्कूल भवन के भूमिपूजन कार्यक्रम से पहले ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कही।
विधायक पटेल ने कहा कि सरकार आदिवासी की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। आज आदिवासी वर्ग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। गांवों में विकास के नाम पर सरकार ने कोई कार्य नहीं किया। जनभागीदारी के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया। आज क्षेत्र के अधिकांश गांव और फलियों में सर्वाधिक मांग विद्युत डीपी स्थापित करने की सामने आ रही है। यदि विकास किया होता तो आदिवासी ग्रामीणों को विद्युत डीपी के लिए इतनी भागदौड़ नहीं करना पड़ता।