मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कड़ी हिदायत दी। उन्होंने कहा कि सड़क, बायपास, आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) और आरयूबी (रेलवे अंडर ब्रिज) जैसी परियोजनाओं में लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ठेकेदारों द्वारा घटिया सामग्री के उपयोग या काम में अकारण देरी होने पर उनसे वसूली की जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गुणवत्ता और समय सीमा पर जोर
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन परियोजनाओं का सीधा संबंध आम जनता की सुविधाओं और सुरक्षा से है, इसलिए कार्य की गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने चेताया कि गड़बड़ी पाए जाने पर केवल ठेकेदार ही नहीं, बल्कि संबंधित अधिकारी पर भी जिम्मेदारी तय होगी और कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में बड़ी संख्या में सड़क और बुनियादी ढांचे की योजनाएं घोषित की हैं और इन्हें समय पर पूरा करना विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए।
मानसून से क्षतिग्रस्त सड़कों का ड्रोन सर्वे
बैठक में मुख्यमंत्री शर्मा ने मानसून के कारण खराब हुई सड़कों का मुद्दा उठाया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि क्षतिग्रस्त सड़कों का ड्रोन सर्वे करवाया जाए ताकि उनकी वास्तविक स्थिति का पता चल सके। उन्होंने कहा कि 20 अक्टूबर से पहले सभी खराब सड़कों की मरम्मत पूरी की जाए ताकि जनता को परेशानी न हो। यह कदम सड़क सुरक्षा और यातायात को सुचारु रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ढिलाई पर नहीं होगी रियायत
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि अनियमितता या देरी को लेकर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे ठेकेदार हों या अधिकारी, गड़बड़ी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जोर दिया कि सरकार का उद्देश्य जनता को बेहतर सड़कें और सुविधाएं देना है और इसके लिए जिम्मेदारी तय करते हुए काम की रफ्तार और गुणवत्ता पर लगातार नजर रखी जाएगी।





