Sankashti Chaturthi: हर महीने दो चतुर्थी की तिथि पड़ती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी या विनायक चतुर्थी कहा जाता है। हिन्दू धर्म में इसका बहुत खास होता है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। भक्तगन श्रद्धा भाव के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने वालों पर बप्पा की विशेष कृपा होते है। साथ सभी कष्टों का निवारण होता है। चंद्रदर्शन का विशेष महत्व होता है। सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, वो अपने पति और परिवार की भलाई के लिए यह व्रत रखती हैं। इस साल की फाल्गुन मास वाली विनायक चतुर्थी बेहद ही विशेष होगी। 9 फरवरी 2023 गुरुवार सुबह 4:53 बजे इसका प्रारंभ होगा। वहीं 10 फरवरी सुबह 6:28 बजे इसका समापन हो जाएगा।
चंद्र दर्शन का होता है खास महत्व
इस दिन चंद्रोदय का समय 9 फरवरी रात 9:13 बजे है। चंद्रमा का दर्शन करके पारण करना शुभ होगा। यदि आपके व्रत रखा है तो कभी भी बिना चंद्रदर्शन के पारण करने की गलती ना करें। शास्त्रों के मुताबिक ऐसा करने से व्रत पूर्ण नहीं होता। इसके अलावा ऐसा करने से मनोकामनाएं भी पूरी होती है और रोग-दुखों ने छुटकारा मिलता है।
ऐसे करें पूजा
- सबसे पहले सुबह जल्दी जागकर स्नान कर लें।
- फिर सूयदेव को अर्घ्य दें।
- व्रत का संकल्प लेकर विधि के अनुसार पूजा करें।
- भगवान गणेश को फूल, धूप, गंध और दीप अर्पित करें।
- लड्डू या मोदक का भोग लगाना शुभ होगा।
- काले वस्त्र और तुलसी का प्रयोग पूजा के दौरान बिल्कुल ना करें।
- अब गणपती बप्पा की आरती करें, फिर क्षमायाचना करें।
(Disclaimer: इस खबर का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है, जो मान्यताओं पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।)