Bhagavad Gita : भगवत गीता एक महत्वपूर्ण हिंदू धर्मग्रंथ है जो महाभारत के युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है। यह ग्रंथ ज्ञान, धर्म और कर्म के विभिन्न पहलुओं पर आधारित है। भगवद् गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म और कर्म के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का उपदेश दिया था। गीता का अध्ययन व्यक्ति को जीवन में नये दृष्टिकोण और सोचने की दिशा में मदद कर सकता है। इसमें दिए गए उपदेश व्यक्ति को संघर्षों और समस्याओं का सामना करने के लिए साहस और सामर्थ्य देते हैं। यह ग्रंथ मानव जीवन में सही और उचित कर्म करने की दिशा में कल्याणकारी मार्गदर्शन प्रदान करता है।
मन की मिलती है शांति
गीता के उपदेशों के अनुसार, जीवन में लागू करने से मानव को अपने आत्मा के अंदर की खोज में मदद मिलती है और वह अपने कर्तव्यों को समझता है। गीता के माध्यम से मानव अपने मन की शांति और स्थिरता को प्राप्त कर सकता है। साथ ही सामाजिक, आध्यात्मिक और पेशेवर जीवन में संतुलन स्थापित कर सकता है।
जीवन को बताया है मूल्यवान
भगवद् गीता में कई ऐसे श्लोक हैं जो जीवन के मूल्यवान तत्वों पर ध्यान देते हैं। यहां एक ऐसा श्लोक है जो जीवन में एक महत्त्वपूर्ण मूल्य को बताता है। दरअसल, भगवान श्री कृष्ण ने अपने श्लोक के माध्यम से यह बताया है कि व्यक्ति का जीवन बहुत ही मूल्यवान होता है। यह काफी योनी के बाद सिर्फ एक बार ही मिलती है। इसलिए जीवन को हमें बहुत ही अच्छे और खूबसूरत तरीके से जीना चाहिए। हमारा जीवन किसी भी रत्न या आभूषण से तौला नहीं जा सकता। हमें हमेशा ऐसे काम करने चाहिए, जिससे समाज में मान और प्रतिष्ठा बढ़े। अपने जीवन काल के दौरान किसी की बुराई, द्वेष आदि करने से बचना चाहिए।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)