Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार ना बने भीड़ का हिस्सा, नहीं मिलती सफलता

उन्होंने चाणक्य नीति की रचना की थी, जिसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। उनकी नीतियां आज भी हर वर्ग के लोगों द्वारा अपनाई जाती है।

Sanjucta Pandit
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Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य को कौटिल्य या फिर विष्णुगुप्त के नाम से जाना जाता है। वह प्राचीन भारत के महान विद्वान, राजनीतिज्ञ और शिक्षक थे। जिनका जन्म लगभग 400 ईसा पूर्व हुआ था। चाणक्य ने नंद वंश के पतन और मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को नंद वंश के राजा धनानंद को परास्त करने में मदद की और चंद्रगुप्त को मौर्य साम्राज्य का सम्राट बनाया। चाणक्य ने चंद्रगुप्त के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य किया। उन्होंने अपने समय के समाज और राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला। चाणक्य का सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ “अर्थशास्त्र” है, जिसमें शासन, राजनीति, अर्थव्यवस्था, सैन्य रणनीति, और समाजशास्त्र के विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई है। इसके अलावा, उन्होंने चाणक्य नीति की रचना की थी, जिसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। उनकी नीतियां आज भी हर वर्ग के लोगों द्वारा अपनाई जाती है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको चाणक्य नीति में बताई गई कुछ बाते बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…

Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार ना बने भीड़ का हिस्सा, नहीं मिलती सफलता

चाणक्य नीति के अनुसार गलत दिशा में बढ रही भीड़ का हिस्सा बनने से बेहतर है सही दिशा में अकेले चलें। इसका अर्थ है कि व्यक्ति को हमेशा सही और नैतिक रास्ते पर चलना चाहिए, चाहे उसे अकेले ही क्यों न चलना पड़े। गलत दिशा में जा रही भीड़ के पीछे भागने से वह कभी भी सही रास्ते पर नहीं जाता, क्योंकि भीड़ अक्सर बिना सोचे-समझे जमा हो जाती है। इससे आपको हर तरीके से नुकसान पहुंच सकता है।

नैतिकता और सत्य

चाणक्य का मानना था कि नैतिकता और सत्य का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण है। यदि भीड़ गलत दिशा में जा रही है और अनैतिक कार्य कर रही है, तो व्यक्ति को उस भीड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए।

व्यक्तिगत जिम्मेदारी

चाणक्य के अनुसार, हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को समझना चाहिए। दूसरों की गलतियों का दिमाग पर लेने की बजाय अपनी खुद की समझ और विवेक का इस्तेमाल करके सही निर्णय लेना चाहिए।

उदाहरण

आचार्य चाणक्य के अनुसार, सही दिशा में अकेले चलने वाले व्यक्ति का उदाहरण दूसरों के लिए प्रेरणादायक होता है। सही मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कभी-कभी दूसरों के लिए एक मार्गदर्शक बन सकता है।

आत्म-सम्मान

चाणक्य नीति के अनुसार, आत्म-सम्मान किसी भी व्यक्ति को सही मार्ग पर अकेले चलने के लिए क्षमता प्रदान करता है। इससे उसका आत्म-सम्मान भी बना रहता है। वह अपने निर्णयों और कार्यों के लिए खुद जिम्मेदार होता है और किसी और पर निर्भर नहीं रहता।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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