Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार इन 4 लोगों पर कभी ना करें भरोसा, जीवन हो सकता है नष्ट

चाणक्य नीति के अनुसार, नदियों, शस्त्र धारण करने वाले पुरुषों, पंजों या सींग वाले जानवरों और राजपरिवार के सदस्यों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। वह एक-न-एक दिन धोखा अवश्य देते हैं।

Chanakya Niti : चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, जिन्हें प्राचीन भारत का महान राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य रणनीतिकार माना जाता था। वे मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के प्रमुख सलाहकार थे। चाणक्य की जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटना चंद्रगुप्त मौर्य के साथ उनकी मुलाकात थी। उस समय भारत छोटे-छोटे राज्यों में बंटा हुआ था और उनके एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना का सपना देखा था। उन्होंने नंद वंश के अत्याचारों से त्रस्त होकर चंद्रगुप्त मौर्य को प्रशिक्षित किया और उन्हें सम्राट बनाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी। चाणक्य ने चंद्रगुप्त को रणनीति की मदद से नंद वंश को पराजित कर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। उनका जन्म 400 ईसा पूर्व हुआ था। उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे, जिनमें “अर्थशास्त्र” और “चाणक्य नीति” प्रमुख हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको चाणक्य नीति के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार इन 4 लोगों पर कभी ना करें भरोसा, जीवन हो सकता है नष्ट

चाणक्य नीति के अनुसार, नदियों, शस्त्र धारण करने वाले पुरुषों, पंजों या सींग वाले जानवरों और राजपरिवार के सदस्यों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। वह एक-न-एक दिन धोखा अवश्य देते हैं।

नदियों पर न करें भरोसा

नदियां प्रकृति के अनुसार बहती हैं और अचानक बदल सकती हैं। बाढ़, दिशा परिवर्तन और अन्य प्राकृतिक घटनाओं के कारण नदियों पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसीलिए चाणक्य ने सावधान रहने की सलाह दी है।

शस्त्र धारण करने वाले पुरुषों पर न करें भरोसा

शस्त्र धारण करने वाले पुरुषों में आक्रामकता शक्ति होती है। वे अपने हथियारों का उपयोग किसी भी समय कर सकते हैं और उनके इरादे हमेशा स्पष्ट नहीं होते। इसलिए उनके प्रति सतर्क रहना आवश्यक है।

पंजों वाले जानवरों पर न करें भरोसा

जिन जानवरों के पास पंजे या सींग होते हैं, वे बेहद खतरनाक होते हैं। वे अचानक हमला कर सकते हैं और नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए उनके प्रति भी सतर्कता बरतनी चाहिए।

राजपरिवार के सदस्यों पर भरोसा न करें

वहीं, आचार्य चाणक्य कहते हैं कि राजपरिवार के सदस्य राजनीति और सत्ता के खेल में इस कदर डूबे होते हैं कि वह अपना-पराया सब भूल जाते हैं। वे अपनी शक्ति और पद को बनाए रखने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। इसलिए उनके इरादों और कार्यों पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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