Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। वह प्राचीन भारत के महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, शिक्षक और दार्शनिक थे। चाणक्य का जन्म लगभग 375 ईसा पूर्व में तक्षशिला में हुआ था। पढ़ाई के दौरान वे राजनीति, अर्थशास्त्र, युद्ध कला और धर्मशास्त्र में निपुण हुए। चाणक्य के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर तब आया, जब उन्होंने नंद वंश के अत्याचारों का विरोध किया। नंद वंश के राजा ने उनका अपमानित किया था, तब उन्होंने प्रतिज्ञा की कि वे इस वंश को समाप्त करके ही रहेंगे। इसके बाद चाणक्य ने युवा चंद्रगुप्त मौर्य को प्रशिक्षित किया। चाणक्य ने न केवल चंद्रगुप्त को राजनीतिक और युद्ध कला में प्रशिक्षित किया, बल्कि उसे राज्य प्रबंधन और कूटनीति की भी शिक्षा दी। उनके कौशल और नीतियों ने मौर्य साम्राज्य को एक महान साम्राज्य बना दिया। अपने जीवनकाल के दौरान उन्होंने अर्थशास्त्र, कूटनीति, चाणक्य नीति आदि ग्रंथों की रचना की, जिसमें शासन, अर्थव्यवस्था, राजनीति, युद्ध कला, कानून व्यवस्था सहित नैतिकता, व्यवहार, और नीति के सिद्धांतों का वर्णन है। चाणक्य का योगदान केवल उनके समय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनके विचार और नीतियां को आज भी बड़े-बड़े नेताओं द्वारा अपनाया जाता है।
चाणक्य नीति के अनुसार, धन कहता मुझे जमा कर,कैलेंडर कहता है मुझे पलट, समय कहता है मुझे प्लान कर, भविष्य कहता है मुझे जीत, सुंदरता कहती है मुझे प्यार कर लेकिन भगवान साधारण शब्दों में कहते है कि सत्य कर्म करते हुए बस मुझपर विश्वास कर।
धन कहता है मुझे जमा कर
चाणक्य के अनुसार, धन जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने और समाज में सम्मान प्राप्त करने का एक साधन है। वे कहते हैं कि धन को सोच-समझकर और सतर्कता से जमा करना चाहिए क्योंकि यह कठिन समय में सहायता करता है।
कैलेंडर कहता है मुझे पलट
हम सभी जानते हैं कैलेंडर हमें समय की महत्ता बताता है। हर दिन एक नया अवसर लाता है और हमें अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए इसे सही ढंग से उपयोग करना चाहिए। चाणक्य ने समय की महत्ता को समझाया और कहा कि समय का सदुपयोग करना ही सफलता की कुंजी है।
समय कहता है मुझे प्लान कर
चाणक्य के अनुसार, समय का सही उपयोग और योजना बनाना अत्यंत आवश्यक है। बिना योजना के कोई भी कार्य सफल नहीं हो सकता। इसलिए समय को सही ढंग से उपयोग कर और उसे प्लान करना ही जीवन में उन्नति का मार्ग है।
भविष्य कहता है मुझे जीत
भविष्य की तैयारी और उसे जीतने की कोशिश चाणक्य नीति का एक महत्वपूर्ण अंग है। चाणक्य ने भविष्य की योजना बनाकर काम करने पर जोर दिया और कहा कि सही योजना और रणनीति के साथ हम अपने भविष्य को अपने उज्जवल बना सकते हैं।
सुंदरता कहती है मुझे प्यार कर
चाणक्य ने यह बताया कि सुंदरता को प्रेम करना और उसकी सराहना करना मानवीय स्वभाव है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि इसे बेहद सरल रूप से देखा जाए और इसके पीछे के वास्तविक मूल्यों को समझा जाए।
भगवान साधारण शब्दों में कहता है
वहीं, भगवान का संदेश सबसे सरल और सच्चा है। चाणक्य नीति में भगवान पर विश्वास और सत्य कर्म को महत्वपूर्ण माना गया है। चाणक्य ने सिखाया कि सच्चे कर्म और ईमानदारी के साथ जीवन जीना ही सर्वोत्तम मार्ग है।
“सत्य कर्म कर, मुझ पर विश्वास कर” – इस संदेश में जीवन का सार निहित है। सत्य और ईमानदारी से कार्य करना और भगवान पर अटूट विश्वास रखना ही जीवन की सच्ची सफलता है। चाणक्य के अनुसार, सभी भौतिक और सांसारिक चीजों के पीछे भागने से पहले हमें अपने कर्मों में सत्यता और ईमानदारी को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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