चाणक्य नीति के अनुसार ऐसा व्यक्ति कभी भी नहीं हो सकता पवित्र, पढ़ें पूरी खबर

आज के आर्टिकल में हम आपको चाणक्य नीति में बताई गई कुछ बातें बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप भी अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से...

Chanakya Niti : जब भी किसी गुरु का नाम लिया जाता है, तो उसमें आचार्य चाणक्य का भी नाम आता है क्योंकि वह भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण व्यक्तित्व माने जाते हैं। उन्होंने चाणक्य नीति से लेकर कूटनीति और अर्थशास्त्र की रचना की है, जिसमें समाज के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है। बिजनेस में सफलता पाना हो या फिर पति-पत्नी का रिश्ता सही ट्रैक पर लाना हो, बच्चों की पढ़ाई से लेकर सामाजिक ज्ञान सब कुछ आपको चाणक्य नीति में मिल जाएगा। आचार्य चाणक्य का जन्म लगभग 400 ईसा पूर्व माना गया है, जिन्होंने अपनी शिक्षा गुरुकुल से प्राप्त की। हालांकि, वह सम्राट मौर्य के प्रमुख सलाहकार थे। दरअसल, वह नंद वंश के आतंक से परेशान हो चुके थे जिस कारण उन्होंने उनके राज्य को खत्म करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को प्रशिक्षित करना शुरू किया, उन्हें युद्ध कला सिखाई। हर चीज में निपुण बनाया। इसके बाद नंद वंश को गद्दी से हटवाकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। फिर अखंड भारत का निर्माण हुआ। वहीं, चाणक्य नीति में बताई गई बातों को अपनाने वाला हर एक व्यक्ति समझदार और अच्छा व्यक्ति बनकर समाज में उभरता है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको चाणक्य नीति में बताई गई कुछ बातें बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप भी अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से…

Chanakya Niti

पढ़ें चाणक्य नीति

चाणक्य नीति के अनुसार, जिस प्रकार शराब वाला पात्र अग्नि में तपाए जाने पर भी शुद्ध नहीं हो सकता। उसी प्रकार जिस मनुष्य के हृदय में पाप और कुटिलता भरी होती है, तो सैकड़ों तीर्थ स्थानो पर स्नान करने से भी ऐसे मनुष्य पवित्र नहीं हो सकते।

चाणक्य नीति यह बताया गया है कि किसी व्यक्ति के मन में अगर आप और धोखाधड़ी करने की इच्छा जागृति हो, तो वह चाहे किसी भी तीर्थ स्थान की यात्रा क्यों न कर ले, उसका मन पवित्र नहीं हो सकता। चाहे वो गंगा नदी पर स्नान करें या फिर रोज सुबह-शाम पूजा-अर्चना करें, उसका मन शुद्ध नहीं हो सकता। ठीक उसी तरह जैसे शराब रखने वाले बर्तन को अगर आग में तपाया जाए, तो भी वह पूरी तरह से शुद्ध नहीं हो सकता।

दरअसल, चाणक्य के अनुसार मनुष्य के अंदर शुद्धता अच्छे विचार और उसके कर्मों से आती है। अगर किसी व्यक्ति के मन में और हृदय में पहले से ही पाप की भावना भरी है, तो वह कभी भी पवित्र नहीं हो सकता, लेकिन अगर वह हमेशा सच बोलता है, सच्चाई का साथ देता है, तो वह एक पवित्र आत्मा होते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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