Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य को भारतीय इतिहास में महान रणनीतिकार और गुरु के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने अपने ज्ञान और धैर्य से एक छोटे से राज्य से विशाल साम्राज्य खड़ा किया। उनका “अर्थशास्त्र” ग्रंथ न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में राजनीति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि उन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, जिनका जन्म लगभग 400 ईसा पूर्व माना गया है। उन्होंने नंद वंश के अत्याचारों से त्रस्त होकर नंद राजा धनानंद का उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। इसी उद्देश्य से उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बनने के योग्य बनाया। उन्होंने चंद्रगुप्त को नंद वंश के खिलाफ संगठित किया और अंत में मौर्य साम्राज्य की नींव रखी। चाणक्य के विचार और रणनीतियां इतनी प्रभावशाली थीं कि वे आज भी “चाणक्य नीति” के नाम से प्रसिद्ध हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार, एक मुर्ख इंसान की पहचान उसकी बातों से तथा एक समझदार इंसान की पहचान उसके मौन रहने से की जाती है। इसका अर्थ है कि एक मूर्ख व्यक्ति अक्सर अधिक बोलता है और अपनी बातों से अपनी मूर्खता प्रदर्शित कर देता है, जबकि एक समझदार व्यक्ति कम बोलता है या मौन रहकर अपनी बुद्धिमत्ता और धैर्य का परिचय देता है।
मूर्ख व्यक्ति की पहचान
- मूर्ख व्यक्ति अक्सर बिना सोचे-समझे बोलता है और अपनी बातों में तर्क की कमी होती है।
- उसकी बातों में अक्सर सतही ज्ञान और दिखावा होता है, जिससे उसकी मूर्खता उजागर होती है।
- वह जल्दबाजी में निर्णय लेता है और बिना किसी गंभीर विचार के अपने विचारों को व्यक्त करता है।
समझदार व्यक्ति की पहचान
- समझदार व्यक्ति विचारशील होता है और सोच-समझकर बोलता है।
- वह मौन रहकर स्थिति का आकलन करता है और सही समय पर ही बोलता है।
- मौन रहकर वह अपनी धैर्यता, संयम और विचारशीलता को प्रदर्शित करता है।
- वह जानता है कि किस समय पर क्या बोलना चाहिए और कब मौन रहना ही उचित होता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)