Gita Updesh के अनुसार शांत लोगों में होते हैं ये 8 गुण, जीवन के हर मोड़ पर पाते हैं सफलता

Gita Updesh : श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ हम सभी बचपन से ही पढ़ते आ रहे हैं। अगर किसी इंसान को अच्छा और नेक बनना है, तो वह गीता उपदेश पढ़ सकता है जोकि संस्कृत भाषा में लिखा गया था, लेकिन अब इसका हिंदी, अंग्रेजी सहित अन्य कई भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। इसमें कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक है, जिसे भगवान श्री कृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र की रणभूमि में दिया गया था। दरअसल, महाभारत के युद्ध में अर्जुन अपने सगे संबंधियों और गुरुओं के खिलाफ लड़ने से पहले गहरे नैतिक संकट में पड़ गए थे। अपने प्रियजनों को युद्ध के लिए तैयार देखकर, अर्जुन अत्यंत दुखी और व्याकुल हो गए थे। उन्होंने अपने मित्र और सारथी श्री कृष्ण से इस विषय पर चर्चा की। इस पर श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया। श्री कृष्ण ने अर्जुन को समझाया कि एक क्षत्रिय के रूप में यह उनका कर्तव्य है कि वह राज्य को बेहतरीन राजा प्रदान करे और अन्याय को रोके। श्री कृष्ण ने अर्जुन को यह भी सिखाया कि कर्म करना मनुष्य का धर्म है, जबकि उसके फल की चिंता करना नहीं। उन्होंने अर्जुन को विश्वरूप दर्शन देकर यह दिखाया कि सृष्टि की संरचना और नियंता स्वयं वही हैं और सब कुछ उनके नियंत्रण में है।

Gita Updesh के अनुसार शांत लोगों में होते हैं ये 8 गुण, जीवन के हर मोड़ पर पाते हैं सफलता

इस उपदेश के बाद अर्जुन ने अपने संदेह को छोड़कर युद्ध करने का निर्णय लिया। जिसके बाद महाभारत का यह युद्ध 18 दिनों तक चला, जिसमें पांडवों को कौरवों पर विजय प्राप्त हुई। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको भगवान श्री कृष्ण द्वारा बताए गए शांत लोगों के गुणों को बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…

पढ़ें गीता उपदेश

  • गीता के अनुसार, व्यक्ति को अपने कर्तव्यों और आत्मज्ञान में लीन रहना चाहिए। इसलिए इनके मुश्किल से 2 या तीन दोस्त होते हैं।
  • गीता हमें आत्म-संयम और धैर्य का महत्व सिखाती है। इन्हें खुल के बात करने से पहले कंफर्टेबल होने में थोड़ा समय लगता है।
  • गीता में अर्जुन को भगवान कृष्ण द्वारा क्रोध को नियंत्रित करने का उपदेश दिया गया है। बता दें कि इनके अंदर खूब सारा गुस्सा भरा होता है, इसलिए ऐसे व्यक्तित्व को कभी नाराज नहीं करना चाहिए।
  • गीता हमें अपने विचारों को नियंत्रित करने और ध्यान केंद्रित करने की शिक्षा देती है। ऐसे में इनके दिमाग में एक साथ कई चीजे चल रही होती है, जो इनके शांत रहने का एक कारण भी हो सकता है।
  • गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को आत्म-निर्भर बनने और अपने दुखों को सहने की शिक्षा दी है। ऐसे में ये किसी से अपना दर्द नहीं बयान करते हैं।
  • आत्म-संयम और विनम्रता का पाठ गीता में सिखाया गया है। इसलिए ऐसे लोग काफी शर्मीले होते हैं और Eye Contact करने से बचते हैं।
  • गीता में सत्यनिष्ठा और वफादारी को अत्यधिक महत्व दिया गया है। ये वादे के बहुत पक्के और दिल के साफ होते हैं। इनसे आप धोखे की उम्मीद नहीं कर सकते।
  • गीता में करुणा और दूसरों की सहायता का महत्व बताया गया है। ये किसी से मदद मांगने में सबसे आखिर में मिलेंगे, लेकिन किसी को इनकार नहीं कर पाते।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News