मध्यप्रदेश के इस मंदिर में होती है खंडित शिवलिंग की पूजा, ऐसी है मान्यता

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Ajab Gajab

Ajab Gajab : मध्यप्रदेश में भोलेनाथ के कई प्रसिद्ध मंदिर मौजूद है। जहां भक्तों की भीड़ अक्सर देखने को मिलती हैं। वहीं सावन के महीने में सबसे ज्यादा भक्त इन मंदिरों में भोलेनाथ के दर्शन के लिए आते हैं। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भोलेनाथ के खंडित शिवलिंग की पूजा अर्चना की जाती हैं। जी हां ये मंदिर मध्यप्रदेश के सतना जिले में मौजूद हैं। इस मंदिर की मान्यता काफी ज्यादा है। दूर-दूर से भक्त मंदिर में भोलेनाथ के दर्शन और पूजन के लिए आते हैं।

आपको बता दे, इस मंदिर का नाम गैवीनाथ धाम है। यह मंदिर बिरसिंहपुर में स्थित है जहां खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है। हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में मन्नत मांगने के लिए आते हैं, जो पूरी भी होती है। खास बात यह है कि गैवीनाथ धाम के शिवलिंग को उज्जैन महाकाल का दूसरा उपलिंग कहा जाता है। इतना ही नहीं इसका वर्णन पाताल पुराण में भी किया जा चुका है।

ऐसी है इस मंदिर से जुड़ी मान्यता और पौराणिक कथा

कहा जाता है कि बिरसिंहपुर नगर में एक गैवी यादव नाम के युवक के घर के चूल्हे से रात को शिवलिंग रूप निकलता था। लेकिन गैवी यादव की मां उसे मुसल से ठोक ठोक कर वापस अंदर कर देती थी। लेकिन वह रोज रात को बाहर आ जाता था। इस वजह से शिवलिंग खंडित हो गया और उस शिवलिंग का नाम गैवी नाथ धाम पड़ गया।

इतना ही नहीं यह भी कहा जाता है कि यह स्वयंभू स्थापित शिवलिंग है, जो खंडित है। वहीं पौराणिक कथाओं के अनुसार यह भी कहा गया है कि विदेशी आक्रमणकारियों ने इस जगह पर सोना पाने के लालच में शिवलिंग को खंडित करने का प्रयास भी किया। ऐसे में शिवलिंग पर टाकी मारी गई थी।

जब टाकी मारी गई तब शिवलिंग में से दूध निकाला था। वहीं दूसरी बार टाकी मारी गई तो उसमें से खून निकला और तीसरी बार टाकी मारी गई तो उसमें से मवाद निकल, वहीं चौथी बार टाकी मारी गई तो उसमें फूल और बेल पत्र आदि निकले। पांचवीं बार टाकी मारने पर जीव जंतु निकले। जिसके बाद आक्रमणकारियों को वहां से भागना पड़ा।

मान्यताओं के अनुसार, गैवीनाथ मंदिर में चारधाम का जल चढ़ाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि चारों धाम में भगवान के दर्शन करने से जितना पुण्य मिलता है उतना ही इस मंदिर में दर्शन करने से मिलता है। चारधाम के दर्शन करने के बाद इस मंदिर के दर्शन करना अच्छा माना जाता है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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Ayushi Jain

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