ज्योतिष ने बताया आप पर है शनि की साढ़े साती का असर, तो किन-किन चीजों को करने से बचें, आइए जानें

Sanjucta Pandit
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Shani Sade Sati : शनि ग्रह का गति मंगल, बुध, शुक्र, गुरु, चंद्रमा और सूर्य के मुकाबले धीमी होता है। इसलिए शनि का ग्रहण एक राशि से दूसरी राशि में होते हुए लगभग सात और आधे साल तक कायम रह सकता है जो कि ज्योतिष शास्त्र में “साढ़े साती” के रूप में जाना जाता है। वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को कर्म, धर्म, संघटन और सजागता का प्रतीक माना जाता है। साढ़े साती के दौरान व्यक्ति को अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ता है। उन्हें अपने जीवन में अनेक प्रकार की कठिनाइयों और परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें स्वास्थ्य, वित्त, परिवार और पेशेवर क्षेत्र में चुनौतियां शामिल हो सकती हैं। आइए जानते हैं शनि की साढ़े साती के असर से बचने के उपाए…

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इन चीजों को करने से बचें

  • वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनिवार और मंगलवार को शनि की साढ़े साती से पीड़ित लोगों को शराब नहीं पीना चाहिए। इससे शनि देव नाराज हो जाएंगे, जिसका आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
  • शनिवार और मंगलवार के दिन काले कपड़े या चमड़े के सामान खरीदने से बचें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से आपको अशुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।
  • साढ़े साती के दौरान अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस समय में जोखिमपूर्ण और असावधान कार्यों से बचें।
  • साढ़े साती के दौरान तर्क-वितर्क से बचें। अन्यथा इससे आपका मानसिक दबाव और तनाव बढ़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप जीवन में अत्यधिक स्ट्रेस उत्पन्न हो सकता है।
  • इस दौरान आपको ड्राइविंग करते समय सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसके लिए अपने वाहन की नियमित रखरखाव करें। ब्रेक, टायर की जांच करवाएं। अल्कोहल का सेवन करके ड्राइविंग करने से बचें।
  • यदि आपपर साढ़े साती चल रही हो तो किसी भी औपचारिक या कानूनी समझौते में फंसने से बचना चाहिए। किसी भी अनुबंध को समझने और पढ़ने के बाद ही उसपर साइन करें।
  • रात्रि के समय अकेले यात्रा करने से बचें जो कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्वास्थ्यपूर्ण है, खासकर यदि आप पर शनि की साढ़े साती चल रही हो तो इस बात का विशेष ख्याल रखें।

हालांकि, शनि देव कई बार आपके धैर्य की परीक्षा लेते है। जिसके बाद उन्हें उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इसलिए प्रत्येक शनिवार को भगवान शनि की ध्यानपूर्वक पूजा-अर्चना करें, उनकी पूजन के लिए तिल के तेल का ही प्रयोग करें क्योंकि तिल का तेल भगवान शनि को अतिप्रिय है। ऐसा करके आप भगवान का शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, साढ़े साती के दौरान व्यक्ति को स्वाधीनता, सहनशीलता और धैर्य के साथ प्रतिस्पर्धाओं का सामना करना पड़ता है, जिससे उनका व्यक्तिगत और सामाजिक विकास होता है। इसलिए ऊपर दिए गए उपायों को प्रयोग में लाएं, जिससे शनि की साढ़े साती का प्रभाव आपकी कुंडली से खत्म हो सके।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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