Laxmi Narayan rajyog 2023 : ज्योतिष के अनुसार हर ग्रह एक निश्चित समय पर राशि बदलता है, जिससे युति और राजयोग का निर्माण होता है ।दूसरे शब्दों में कहे तो किसी भी राशि में एक साथ दो ग्रहों का होना युति कहलाता है ऐसी ही एक युति जुलाई के दूसरे सप्ताह में बनेगी और बुध और शुक्र साथ आकर लक्ष्मी नारायण योग बनाएंगे।ज्योतिष शास्त्र में इस योग का विशेष महत्व बताया गया है, इसे बेहद ही शुभ माना गया है।
जानिए किस राशि पर कैसा रहेगा असर
मेष राशि : जुलाई में शुक्र-बुध की युति लक्ष्मी-नारायण राजयोग से मेष राशि के जातकों के लिए शुभ होगा। आप वाहन या प्रॉपर्टी आदि खरीद सकते हैं। चतुर्थ भाव में लक्ष्मी नारायण भाव बनने जा रहा है, इसेसे घर में नए वाहन और प्राॅपर्टी खरीदने के योग बन रहे हैं। रियल स्टेट, जमीन, जायदाद या राजनीति से जुड़े लोगों को भी विशेष लाभ मिलने के संकेत है। भौतिक सुखों की प्राप्ति और नौकरी में उन्नति मिल सकती है। अचानक धन लाभ होने की संभावना है। करियर के लिए समय अनुकूल है।कारोबार और नौकरी पेशा से जुड़े लोगों को तरक्की मिलेगी। अचानक धन लाभ हो सकता है।
मकर राशि : सप्तम भाव में शुक्र-बुध की युति से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण हो रहा है। वैवाहिक जीवन में मधुर संबंध बनेंगे। इस अवधि में अविवाहित लोगों के रिश्ते के प्रस्ताव आने की संभावना है। कोई नया व्यापार शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो ये समय अनुकूल है। पार्टनरशिप के काम में आपको लाभ मिलेगा। धनलाभ होने की संभावना है। इस समय आपके आत्मविश्वास में वृद्धि देखने को मिलेगी। वहीं पारिवारिक माहौल अच्छा होगा और सभी सदस्यों में आपसी प्रेम बना रहेगा।
कुंभ राशि : शुक्र-बुध की युति से बनने वाले यह राजयोग जातकों के लिए शुभ रहने वाला है। मान सम्मान में वृद्धि होगी। संतान के विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। ससुराल पक्ष से सहयोग मिलेगा। नौकरी में अपेक्षानुसार पदोन्नति के योग बनेंगे।कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है, लाइफ पार्टनर की सेहत का ध्यान रखें। कोई भी कार्य के लिए समय अनुकूल है।
तुला राशि : यह राजयोग बेहद ही फलदायी साबित होने वाला है। यह कंडली के कर्म भाव में रहेगा। कारोबार , करियर और नौकरी के लिए सबसे अच्छा समय है। नौकरी के नए और अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। इस अवधि में धनलाभ के योग बन रहे हैं। नए लोगों से मुलाकात होना तय है।व्यापारी वर्ग को भी इस युति जबरदस्त फायदा होगा। भविष्य के लिए अभी ये योजना बनाना सही रहेगा। धनलाभ और व्यापार में तरक्की की संभावना है. नए लोगों से मुलाकात हो सकती है। व्यापारी वर्ग को भी इस युति जबरदस्त फायदा होगा।
50 साल बाद बना विपरित योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हाल ही में 50 साल बाद विपरीत राजयोग का भी निर्माण हुआ है। इस दौरान कई राशियों के लिए आकस्मिक धनलाभ और तरक्की के योग बने हैं। ज्योतिष के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में छठे भाव का स्वामी अष्टम या द्वादश भाव में विराजमान होता है, जब अष्टम भाव का स्वामी द्वादश या षष्ठम भाव में होता है, या फिर जब द्वादशेश षष्ठम या अष्टम भाव में होता है तो विपरीत राजयोग बनता है। यानी विपरीत राजयोग में त्रिक भाव (छह, आठ, बारहवां भाव) और इनके स्वामियों की ही भूमिका अहम होती है। विपरीत राजयोग तीन प्रकार का होता है- हर्ष, सरल और विमल।
मेष राशि : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष राशि के जातकों के लिए विपरीत राजयोग विशेष रूप से लाभकारी रहने वाला है।12 वें भाव पर सूर्य, गुरु और बुध की युति बनी हुई है और तीसरे भाव के स्वामी बुध-सूर्य के साथ 12वें भाव में मौजूद रहेंगे। इससे आकस्मिक धन लाभ होगा। तनाव से मुक्ति मिलेगी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों को शुभ परिणाम मिलेंगे।
सिंह राशि : इस राशि के स्वामी आठवें भाव में बुध और गुरु के साथ विराजमान रहेंगे। तीसरे भाव के स्वामी शुक्र के साथ मौजूद हैं। आय में बढ़ोतरी होने के संकेत हैं। पैतृक संपत्ति के बिकने से मुनाफा होगा। विदेश यात्रा पर जाने के योग भी बनते नजर आ रहे हैं।
तुला राशि : इन राशि के जातकों के लिए विपरीत राजयोग वरदान से कम नहीं रहेगा। तीसरे भाव के स्वामी बृहस्पति हैं और यह छठे भाव में स्थित हैं। व्यापार में अच्छी डील कर सकते हैं। नौकरी पेशा लोगों को भी नौकरी आदि में सफलता मिलोगी। नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे। इस दौरान तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं।शेयर मार्केट में धन निवेश से लाभ होगा।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)