Mahabhagya Rajyog, Astrology, Chandra-Mangal Yog : ग्रहों की राशि परिवर्तन का जातकों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है। वैदिक ज्योतिष में कई ग्रह के राशि परिवर्तन से जातकों के जीवन पर सकारात्मक भूमिका देखने को मिलती है। इसी बीच ग्रहों के राजकुमार बुध 24 जून को राशि परिवर्तन करेंगे। बुध ग्रह को बुद्धि और तर्क का देवता माना जाता है और जातक की कुंडली में तीसरे छठे भाव के स्वामी होते हैं अपनी स्वराशि मिथुन और कन्या में हो तो अनुकूल परिणाम देखने को मिलते हैं। 24 जून को अपनी खुद की राशि में गोचर करेंगे।
भद्र राज योग का भी प्रभाव
24 जून को मिथुन में दोपहर 12:35 पर गोचर करने के साथ ही 8 जुलाई तक बुध यहां विराजमान रहेंगे। इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों परिणाम देखने को मिलेंगे। बुध के गोचर से जहां बुधादित्य राज योग का निर्माण होगा। वहीं दूसरी तरफ भद्र राज योग का भी प्रभाव देखने को मिलेगा। 24 जून को बुध ग्रह राशि बदलकर मिथुन में आ रहे हैं और भद्र महापुरुष राजयोग का निर्माण करेंगे। 3 राशियों पर बुद्धदेव की कृपा देखने को मिलेगी।
तुला
तुला राशि के भाग्य स्थान पर बुध का गोचर होगा। उन्हें व्यापार में नए मौके मिलेंगे। अच्छे समाचार मिलेंगे। प्रतिष्ठा सम्मान में वृद्धि होगी। वाणी से कई काम बन जायेंगे। कार्यस्थल पर आपके कार्य की प्रशंसा की जाएगी।
कुंभ
कुंभ राशि के लिए बुध का गोचर भाग्य बदलने वाला होगा। संतान की तरफ से कोई गुड न्यूज़ मिल सकती है। अचानक धन लाभ होता है। प्रेम की स्थिति बेहतर रहेगी। संतान की स्थिति बेहतर रहने वाली है। सामाजिक प्रतिष्ठा सम्मान का लाभ मिलेगा। राजनीतिक क्षेत्र में तरक्की होगी।
मीन
मीन राशि के लिए गुरु का गोचर लाभकारी माना जा रहा है। चौथे भाव में बुध का गोचर होने से संपत्ति का लाभ मिलेगा। भौतिक सुख सुविधा में वृद्धि होगी। घर गाड़ी वाहन खरीद सकते हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। सम्मान का लाभ मिलेगा।
मेष
बुध ग्रह मैच के तीसरे छठे भाव के स्वामी हैं और मिथुन राशि में गोचर करें तीसरे भाव में होगा। ऐसे में आवश्यक कार्य में सफलता मिलेगी। मधुर संबंध बनेंगे। राजनीति के प्रतिष्ठित लोगों से मुलाकात हो सकती है। कर्मियों के साथ मधुर संबंध निर्मित होंगे। लाभ मिल सकता है। कार्यस्थल पर आपके कार्य की प्रशंसा की जाएगी। छात्रों को एकाग्रता और अच्छे परिणाम का लाभ मिलेगा।
चंद्र मंगल योग
वैदिक ज्योतिष में किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा और मंगल एक ही घर में विराजमान होते हैं। तब चंद्र मंगल योग बनता है। इस योग के शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव पड़ते हैं। जातक का जन्म कर्क, तुला, वृश्चिक, मकर, मीन लग्न में हुआ है तो उस जातक के लिए चंद्र मंगल योग शुभ परिणाम देता है।
किसी जातक की कुंडली के पांचवे ग्रह में यह योग निर्मित होता है तो जातक को धन समृद्धि कला आदि का शुभ फल प्राप्त होता है। वही दसवें घर में चंद्र मंगल योग बनने पर नौकरी पेशा में पदोन्नति, इंक्रीमेंट, व्यवसाय में सफलता और व्यापारिक विस्तार देखने को मिलते हैं। 2 दिन के बाद मंगल और चंद्रमा की युति देखने को मिलेगी। ऐसे में चंद्र मंगल योग से कई राशियों पर 48 घंटे के लिए अनुकूल प्रभाव पड़ सकते हैं।
महाभाग्य राजयोग का लाभ
महाभाग्य योग का निर्माण होने से जातक को समाज में सम्मान प्रतिष्ठा और प्रसिद्धि प्राप्त होती है। कुंडली और लग्न में चंद्रमा और सूर्य के विषय में स्थिति पर योग का निर्माण होता है। स्त्री और पुरुष के जन्म के समय के साथ इस योग के निर्मित होने की स्थिति अलग-अलग होती है। इसके लिए नियम भी अलग-अलग होते हैं।
पुरुष जातक का जन्म लग्न में सूर्य चंद्रमा की विशेष स्थिति में धनु, कुंभ, तुला, सिंह और मिथुन सहित मेष राशि में हुआ हो तो कुंडली में महा भाग्य योग का निर्माण होता है। ऐसे में सूर्य और चंद्रमा का प्रभाव बढ़ जाता है। जिसके कारण जातक प्रसिद्धि, संपत्ति, समृद्धि और समाज का प्रतिष्ठित चेहरा माना जाता है।
यदि किसी स्त्री के जन्म लग्न सूर्य चंद्रमा के विषय में स्थिति वृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर और मीन राशि में होती है। तब महाभाग्य योग का निर्माण होता है। जन्म रात्रि में होने पर और लग्न सूर्य और चंद्रमा विषम राशि में हो तो चंद्रमा का प्रभाव पड़ता है।
महाभाग्य योग का लाभ
व्यक्ति की जन्म कुंडली में महाभाग्य योग रहने पर देवी लक्ष्मी का प्रभाव पड़ता है। धन पद में वृद्धि होती है। शानदार जीवन जीने के साथ ही भौतिक सुख सुविधा में वृद्धि होती है। महंगे वाहन का लाभ मिलता है। मान सम्मान, प्रतिष्ठा में वृद्धि होती। समाज और परिवार का नाम रोशन करते हैं। इसके साथ ही जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। चरित्रवान, सभ्य और सुशील व्यक्तित्व के साथ ही राजकीय कार्य का अवसर भी प्राप्त होता है।