Shani Dev : शनि देव हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता है। वे न्याय, कर्म और संघर्ष के देवता के रूप में जाने जाते हैं। शनि को संसार में न्याय और कर्मफल का प्रतीक माना जाता है। उन्हें कठिन परिस्थितियों, संघर्षों और धर्म के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। शनि देव की साढ़ेसाती और ढैय्या दो प्रमुख अवस्थाएं हैं जो व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन और कठिनाइयों का समय होता है। इस समय में व्यक्ति को अपने कर्मों के फल को स्वीकार करना पड़ता है।
शनि देव की पूजा घर पर नहीं की जाती। अमूमन, आपने यह नोटिस किया होगा कि उनकी एक भी तस्वीर किसी के भी घर में आपको नजर नहीं आएगी। उनकी पूजा-अर्चना शनि मंदिर में जाकर ही की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उनके सामने खड़े होकर उनकी पूजा कभी नहीं करनी चाहिए, बल्कि थोड़ा तिरछे होकर उनकी उपासना की जाती है। लोग उनसे नज़रें मिलाने में डरते हैं। आइए जानते हैं इसकी रहस्यमयी बातें…
जानिए नजरें ना मिलाने का रहस्य?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव की दृष्टि अनिष्ट मानी जाती है। इसलिए भक्ति कभी भी उनकी दृष्टि के एकदम सामने खड़े होकर दर्शन नहीं करते। इसके पीछे एक बड़ा रहस्य है। जिसके अनुसार, उनकी पत्नी परम तेजस्विनी थी। एक बार वो अपने पति के पास पुत्र प्राप्ति की इच्छा से उनके पास पहुंची लेकिन उस वक्त वह भगवान विष्णु के ध्यान में लीन थे। तब उनकी पत्नी प्रतीक्षा करते-करते थक गई।
जिसके बाद क्रोध में आकर उन्होंने शनि महाराज को यह श्राप दिया कि वह जिसे भी देखेंगे उसका विनाश हो जाएगा। इसके साथ ही शनि देव की पत्नी ने कहा कि यदि आप अपनी अर्धांगिनी को नहीं देख सकते तो आपकी दृष्टि वक्री हो जाएगी और यह जिस पर भी पड़ेगी उसका सब कुछ नष्ट हो जाएगा। इसलिए लोगों को उनसे नजरें न मिलने की सलाह दी जाती है।
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