RAJYOG : सालों बाद एक साथ बन रहे 3 बड़े राजयोग, चमकेगा इन राशियों का भाग्य का सितारा, पद-पैसा-प्रतिष्ठा, हर काम में मिलेगी सक्सेस

ज्योतिष के अनुसार, जब दो ग्रह आमने-सामने आते हैं तो समसप्तक योग बनता है। जब भी कोई दो ग्रह एक दूसरे से सातवें स्थान पर होते हैं, तब उन ग्रहों के बीच समसप्तक राजयोग बन जाता है।

Pooja Khodani
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grah gochar 2024

Rajyog 2024 : ज्योतिष शास्त्र में न्याय के देवता शनि, ग्रहों के राजकुमार बुध और दैत्यों के गुरू शुक्र की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। जहां व्‍यापार, वाणी, बुद्धि के दाता बुध और धन-वैभव, ऐश्‍वर्य के दाता शुक्र हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते है वही दंड के देवता शनि को ढ़ाई साल लगता है। वर्तमान में शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान है, जिससे शश राजयोग का निर्माण हुआ है। वही शुक्र और बुध सिंह राशि में मौजूद है, ऐसे में केन्द्र त्रिकोण राजयोग बन रहा है।वही शुक्र बुध और शनि के आमने सामने आने से समसप्तक राजयोग योग बन रह है, जो 3 राशियों के लिए बेहद लकी साबित होने वाला है।

सिंह राशि : एक साथ 3 राजयोग के बनने से जातकों को विशेष फल की प्राप्ति होगी।यात्रा पर जा सकते है। व्यापारियों के लिए समय अनुकूल रहेगा, मुनाफे के साथ नई डील मिलने के योग है। जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर रहेंगे। आकस्मिक धन लाभ के भी योग बन रहे हैं। आय के नए स्त्रोत खुलेंगे।भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।कार्यों में सफलता पाएंगे। समसप्तक और केंद्र-त्रिकोण राजयोग से जातकों के लिए शुभ रहेगा। व्यापार से संबंधित हैं वे उनका अच्छा मुनाफा मिल सकता है।आकस्मिक धन लाभ के अच्छे योग बन रहे हैं। आय के नए-नए स्त्रोत आपको मिलेंगे ।आर्थिक स्थिति में अच्छा खासा बदलाव देखने को मिलेगा।

वृषभ राशि: बुध शुक्र और शनि के आमने सामने आने से बना समसप्तक और केंद्र त्रिकोण राजयोग जातकों के लिए काफी खास रहने वाला है। व्यापार और करियर में तरक्की के साथ नए अवसर मिल सकते है। लंबे समय से रुके काम पूरे होंगे।अपार धनलाभ के प्रबल योग है।नौकरीपेशा और बेरोजगारों को नई नौकरी मिल सकती है। शनि की कृपा से हर क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं। परिजनों के साथ अच्‍छा समय बिताएंगे।शश राजयोग से आपको काम- कारोबार में तरक्की मिल सकती है। इस समय नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है।नई घर या वाहन आदि खरीद सकते हैं।

वृश्चिक राशि : राजयोग से जातकों को विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है। भाग्य का साथ मिलेगा। कोई बड़ी इच्‍छा पूरी हो सकता है। करियर के लिए समय सकारात्मक है। अधूरा प्रोजेक्‍ट पूरा हो सकता है। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। किसी से मनमुटाव था तो अब वो दूर हो जाएगा। व्यापार में भी खूब लाभ मिलने वाला है। आप कोई सरकारी प्रोजेक्ट पाने में सफल हो सकते हैं। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। प्रापर्टी के लेन- देन से लाभ हो सकता है। मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। आप शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में निवेश करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। क्योंकि लाभ के योग हैं।

जानिए कब बनते है कुंडली में ये राजयोग

  • केंद्र त्रिकोण राजयोग: ज्योतिष के मुताबिक, कुंडली में जब 3 केंद्र भाव जैसे 4, 7, 10 और 3 त्रिकोण भाव जैसे 1, 5, 9 जब आपस में युति, दृष्टि संबंध अथवा राशि परिवर्तन करते हैं, तब केंद्र त्रिकोण राजयोग बनता है। केंद्र त्रिकोण राजयोग जातक के लिए भाग्यशाली माना जाता है।इससे भाग्योदय, पेशे में उन्नति, सरकारी या कॉर्पोरेट कार्यालय में शीर्ष स्थान मिलता है।
  • समसप्तक राजयोग: ज्योतिष के अनुसार, जब दो ग्रह आमने-सामने आते हैं तो समसप्तक योग बनता है। जब भी कोई दो ग्रह एक दूसरे से सातवें स्थान पर होते हैं, तब उन ग्रहों के बीच समसप्तक राजयोग बन जाता है। वर्तमान में गुरू और शुक्र आमने- सामने हैं। इस योग को ज्योतिष में बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है।
  • शश राजयोग : ज्योतिष के मुताबिक, जब शनि लग्न भाव से या चंद्र भाव से केंद्र भाव पर हो यानि शनि देव यदि किसी कुंडली में लग्न अथाव चंद्रमा से 1, 4, 7 या 10वें स्थान में तुला, मकर या कुंभ राशि में विराजमान हो तो ऐसी कुंडली में शश योग का निर्माण होता है। जिन जातकों की कुंडली में यह राजयोग होता है उसकी धन और शौहरत में वृद्धि होती है।व्यक्ति राजाओं जैसी जिंदगी जीता है। आर्थिक संसाधनों में वृद्धि होती है।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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