Astrology: इस ग्रह के कमजोर होने पर परीक्षा में नहीं आते अच्छे अंक, नहीं मिलती सफलता, आजमाएं ये उपाय

परीक्षा में सफलता के भी ग्रहों को जिम्मेदार माना जाता है। आइए जानें कुंडली में कौन-सा ग्रह कमजोर होने पर परीक्षा में सफलता नहीं मिलती और इसे कैसे कर सकते हैं?

Manisha Kumari Pandey
Published on -
astrology

Astrology: मनुष्य के जीवन से ग्रहों का गहरा नाता होता है। कुंडली में यदि ग्रहों की स्थिति अच्छी हो तो व्यक्ति जीवन के हर कार्य में सफल होता है। परीक्षा के अच्छे अंक भी ग्रहों से संबंधित होते हैं। परीक्षा में सफलता के लिए केवल मेहनत से ही नहीं बल्कि ग्रहों और नक्षत्रों भी जिम्मेदार माना जाता है।

इन ग्रह के कमजोर होने से परीक्षा में नहीं मिलती सफलता

देवगुरु बृहस्पति को ज्ञान, शिक्षा, सफलता, उच्च पद, धन, संतान, विवाह इत्यादि का कारक माना जाता है। इस ग्रह की स्थिति मजबूत होने से सभी प्रकार के परीक्षाओं में सफलता मिलती है। करियर में तरक्की होती है। शिक्षा के क्षेत्र में व्यक्ति बहुत आगे जाता है। कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत करके आप जीवन के सभी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। गुरु के मजबूत होने से पद- प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है। साथ ही धन-दौलत की प्राप्ति भी होती है।

आजमाएं ये उपाय

  • गुरुवार के दिन बेसन, केसर, चने की दाल, पीले वस्त्र और अन्य पीली चीजों का दान करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है।
  • कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन पीले रंग की चूड़ियां और पीले वस्त्र विवाहित महिलाओं को भेंट करें।
  • रोजाना “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप 108 बार करें।
  • गुरुवार के दिन पानी में एक या दो चुटकी हल्दी मिलाकर नहायें। ऐसा करने से गुरु दोष से मुक्ति मिलती है। सफलता के योग बनते हैं। आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो ग्रंथों, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News