Samsaptak/Kendra Trikon Rajyog 2024 : ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर एक ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि परिवर्तन करता है, इस दौरान 2 ग्रहों के एक राशि में साथ आने या आमने सामने आने पर युति और राजयोग का निर्माण होता है। इसी कड़ी में सिंह राशि में शुक्र और बुध की युति और शनि के आमने सामने आने से समसप्तक राजयोग के साथ केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण हो रहा है, जो 3 राशियों के लिए बेहद लकी साबित होने वाला है।
ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में से न्याय और दंड के देवता शनि के साथ देवताओं के गुरू बृहस्पति भूमिका सबसे अहम मानी जाती है। शनि को करीब ढाई वर्षों का समय लगता हैं, इसलिए एक ही राशि में दोबारा आने में शनि को 30 साल का समय लग जाता है।वर्तमान में शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ विराजमान है। वही दैत्यों के गुरु शुक्र 31 जुलाई को सिंह में आए है, जहां पहले से ही ग्रहों के राजकुमार बुध विराजमान है, ऐसे में एक साथ 2 राजयोग का निर्माण हो रहा है।
3 राशियों के लिए शुभ रहेगा राजयोग
सिंह राशि : एक साथ 2 राजयोग के बनने से जातकों को विशेष फल की प्राप्ति होगी।यात्रा पर ज सकते है। व्यापारियों के लिए समय अनुकूल रहेगा, मुनाफे के साथ नई डील मिलने के योग है। जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर रहेंगे। आकस्मिक धन लाभ के भी योग बन रहे हैं। आय के नए स्त्रोत खुलेंगे।भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।कार्यों में सफलता पाएंगे।
वृश्चिक राशि : राजयोग से जातकों को विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है। भाग्य का साथ मिलेगा। कोई बड़ी इच्छा पूरी हो सकता है। करियर के लिए समय सकारात्मक है। अधूरा प्रोजेक्ट पूरा हो सकता है। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। किसी से मनमुटाव था तो अब वो दूर हो जाएगा। व्यापार में भी खूब लाभ मिलने वाला है। आप कोई सरकारी प्रोजेक्ट पाने में सफल हो सकते हैं। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।
वृषभ राशि: बुध शुक्र और शनि के आमने सामने आने से बना समसप्तक और केंद्र त्रिकोण राजयोग जातकों के लिए काफी खास रहने वाला है। व्यापार और करियर में तरक्की के साथ नए अवसर मिल सकते है। लंबे समय से रुके काम पूरे होंगे।अपार धनलाभ के प्रबल योग है।नौकरीपेशा और बेरोजगारों को नई नौकरी मिल सकती है। शनि की कृपा से हर क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं। मेहनत का फल मिलेगा। हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी। परिजनों के साथ अच्छा समय बिताएंगे।
कुंडली में कब बनता है केंद्र त्रिकोण/समसप्तक राजयोग
- ज्योतिष के मुताबिक, कुंडली में जब 3 केंद्र भाव जैसे 4, 7, 10 और 3 त्रिकोण भाव जैसे 1, 5, 9 जब आपस में युति, दृष्टि संबंध अथवा राशि परिवर्तन करते हैं, तब केंद्र त्रिकोण राजयोग बनता है। केंद्र त्रिकोण राजयोग जातक के लिए भाग्यशाली माना जाता है।इससे भाग्योदय, पेशे में उन्नति, सरकारी या कॉर्पोरेट कार्यालय में शीर्ष स्थान मिलता है।
- ज्योतिष के अनुसार, जब दो ग्रह आमने-सामने आते हैं तो समसप्तक योग बनता है। जब भी कोई दो ग्रह एक दूसरे से सातवें स्थान पर होते हैं, तब उन ग्रहों के बीच समसप्तक राजयोग बन जाता है। वर्तमान में गुरू और शुक्र आमने- सामने हैं। इस योग को ज्योतिष में बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)