Gajkesari Rajyog 2024: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है।खास करके चंद्रमा ग्रह का, जो सबसे तेज गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं, क्योंकि चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि परिवर्तन करते रहते हैं। ऐसे में किसी न किसी ग्रह के साथ युति होती है, जिससे योग राजयोग का निर्माण होता है।इसी क्रम में 9 अप्रैल यानी चैत्र नवरात्रि के पहले दिन चंद्रमा मेष राशि में प्रवेश करेंगे, जहां पहले से बृहस्पति ग्रह विराजमान हैं, ऐसे में इन दोनों के मिलन से गजकेसरी राजयोग का निर्माण होगा, जो 3 राशियों के लिए बेहद लकी साबित होने वाला है। आइए जानते है कौन सी है वो 3 राशियां…..
गजकेसरी राजयोग से चमकेगी इन 3 राशियों की किस्मत
मेष राशि : आपकी राशि में चन्द्रमा का गोचर और गजकेसरी राजयोग का बनना जातकों के लिए बेहद शुभ साबित होने वाला है।माता रानी की कृपा बरसेगी। आय में वृद्धि होगी और आय के नए सोर्स बन सकते है। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा । लंबे समय से रुके और हुए काम पूरे होंगे। फंसा हुआ धन वापस मिलेगा। बिजनेस के लिए समय उत्तम रहेगा, कोई नई बड़ी डील मिल सकती हैं ।अविवाहितों के लिए रिश्ते आ सकते है, कहीं बात बन सकती है। संतान की ओर से कोई बड़ी खबर मिल सकती है। स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
सिंह राशि : चैत्र नवरात्रि में बनने वाले गजकेसरी राजयोग से जातकों को विशेष फल की प्राप्ति होगी। कोई शुभ समाचार मिल सकता है। करियर में तरक्की और व्यापारियों को कारोबार में मुनाफा मिल सकता है।धनलाभ के साथ कोई नई डील मिलने के योग है। छात्रों को विदेश में जाकर पढ़ाई करने का मौका मिल सकता है।परिवार के साथ कहीं यात्रा पर जा सकते है। नौकरीपेशा के लिए समय अनुकूल रहेगा, इंक्रीमेंट के साथ प्रमोशन मिल सकता है।तीर्थयात्रा पर जा सकते हैं। संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
कर्क राशि : गजकेसरी राजयोग के बनने से चंद्रमा और गुरू की विशेष कृपा बनी रहेगी। नौकरीपेशा को कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है। पदोन्नति के साथ वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में सफलता मिल सकती है। आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। सुख-सुविधाओं की बढ़ोतरी हो सकती है।अटका हुआ पैसा वापस मिल सकता है और समाज में मान-सम्मान की वृद्धि होगी।
गजकेसरी राजयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है या अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है। चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी यह योग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)