Navpancham Rajyog 2024 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है। हर महीने कोई ना कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है, ऐसे में ग्रहों की चाल और नक्षत्र के स्वभाव पर विशेष ध्यान रखा जाता है।चुंकी कई ग्रह ऐसे हैं, जिनके राशि परिवर्तन के बाद योग अथवा राजयोग का निर्माण होता है। इसी क्रम में अब जुलाई में ग्रहों के सेनापति मंगल ,देवताओं के गुरू बृहस्पति की वृषभ में युति और चन्द्रमा के गोचर करने वाले है, ऐसे में नवपंचम राजयोग का निर्माण होने जा रहा है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वर्तमान में देव गुरु बृहस्पति वृषभ में विराजमान है और 12 जुलाई को साहस, बल और भूमि के कारक मंगल वृषभ में प्रवेश करने वाले है। इसके साथ ही 22 जुलाई यानी सावन के पहले सोमवार के दिन चंद्रमा के साथ मिलकर नवपंचम नामक राजयोग का निर्माण कर रहा है। चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि परिवर्तन करते हैं, ऐसे में चंद्रमा की किसी न किसी ग्रह के साथ युति होती है, ऐसे ही नवपंचम राजयोग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग के बनने से कुछ राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलेगा।
3 राशियों के लिए लकी साबित होगा राजयोग
कर्क राशि : चंद्रमा की राशि कर्क राशि के जातकों को नवपंचम योग से विशेष लाभ मिल सकता है। भाग्य का साथ मिलेगा। पार्टनरशिप में किए गए व्यापार से लाभ मिलेगा। । नई नौकरी के अवसर मिल सकते है। लंबे समय से रुके और अटके काम पूरे हो सकते है। व्यापार में धनलाभ हो सकता है। कोई बड़ा प्रोजेक्ट या डील हासिल कर सकते हैं।सरकारी नौकरी करने वाले जातकों प्रमोशन का तोहफा मिल सकता है। आत्मविश्वास और साहस से भरपूर रहेंगे। कई क्षेत्रों में सफलता मिलने के प्रबल संकेत है।
वृश्चिक राशि : नवपंचम राजयोग और मंगल गुरू चंद्रमा के एक राशि में रहने पर जातकों को खूब आर्शीवाद मिलेगा। राजयोग बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकता है। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। पैतृक संपत्ति का लाभ मिल सकता है। मंगल के असर से कोर्ट-कचहरी के मामलों पर भी सफलता पा सकते है। नया काम शुरू करने के लिए समय अनुकूल रहेगा।लव लाइफ भी अच्छी जाने वाली है।व्यापार में अटके और रुके कामों को गति मिलेगी।
मकर राशि : नवपंचम राजयोग जातकों के लिए वरदान से कम साबित नही होगा। गुरू का विशेष आर्शीवाद मिलेगा। नौकरी में तरक्की के साथ-साथ पदोन्नति मिल सकती है। बेरोजगारों को नई नौकरी के अवसर मिल सकते है। आय में वृद्धि के योग है, नए नए स्त्रोत खुलेंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी । परिवार का साथ मिलेगा। विवाद से छुटकारा मिलेगा। व्यापार में अपार धनलाभ के प्रबल योग बनेंगे। साहस और बल में वृद्धि होगी।
नवपंचम राजयोग का महत्व
ज्योतिष के मुताबिक, नवपंचम राजयोग तब बनता है जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं। दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है। जैसै मेष, सिंह, धनु को अग्नि राशि, वृषभ, कन्या, मकर को पृथ्वी राशि, मिथुन, तुला, कुंभ को वायु राशि और कर्क वृश्चिक मीन को जल राशि माना जाता है, ऐसे में जब एक ही तत्व वाली दो राशियों में दो ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का कोण, जिसे नक्षत्र के द्वारा भी जान सकते हैं, बना दें तो नवपंचम राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)