Navpancham Rajyog 2024 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है। एक निश्चित समय के बाद हर एक ग्रह राशि बदलते है , ऐसे में राशि परिवर्तन के बाद योग अथवा राजयोग का निर्माण होता है। इसी क्रम में अब मई में केतु गुरू की युति से नवपंचम राजयोग का निर्माण हुआ है।
वर्तमान में मायावी ग्रह केतु कन्या राशि में भ्रमण कर रहे है, वही देवताओं के गुरु बृहस्पति 1 मई को वृषभ राशि में प्रवेश कर गए है, ऐसे में ये दोनों ग्रह एक दूसरे से नौवें और पांचवे भाव में मौजूद हैं, जिससे नवमपंचम राजयोग का निर्माण हो रहा है, यह योग सिंह राशि में बन रहा है, जो 3 राशियों के लिए लकी साबित होने वाला है।
नवपंचम राजयोग 3 राशियों की चमकाएगा किस्मत
वृषभ राशि : केतु गुरू की युति और नवपंचम राजयोग जातकों के लिए लकी साबित होने वाला है। आय में जबरदस्त इजाफा हो सकता है। आय के नए स्त्रोत बन सकते हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। काम- कारोबार में शानदार सफलता मिल सकती है। व्यापारियों को कोई नई डील मिल सकती है।धन कमाने के साथ ही धन की बचत करने में सफलता मिलेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरीपेशा को नई जिम्मेदारी मिल सकती है।
मकर राशि : गुरू केतु की युति और नवपंचम योग लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं। पैतृक संपत्ति से बड़ा मिल सकता है। करियर में अनेकों शानदार अवसर प्राप्त होंगे। व्यापारियों को कारोबार में अच्छा लाभ हो सकता है। संतान से जुड़ा कोई शुभ समाचार मिल सकता है। कानूनी मामलों में सफलता हासिल हो सकती है। नौकरीपेशा को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। अपार सफलता के साथ धन लाभ मिल सकता है। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। उच्च शिक्षा पाने की चाहत पूरी हो सकती है।
मिथुन राशि : गुरू केतु की युति और नवपंचम योग जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। जातकों के अच्छे दिन शुरू हो सकते हैं। समाज में मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। नए निवेश में लाभ मिल सकता है। कारोबार में मुनाफा मिलेगा, कोई नई डील मिल सकती है। जीवनसाथी के साथ संबंध पहले से बेहतर होगा। आपको भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी।
नवपंचम राजयोग का महत्व
ज्योतिष के मुताबिक, नवपंचम राजयोग तब बनता है जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं। दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है। जैसै मेष, सिंह, धनु को अग्नि राशि, वृषभ, कन्या, मकर को पृथ्वी राशि, मिथुन, तुला, कुंभ को वायु राशि और कर्क वृश्चिक मीन को जल राशि माना जाता है, ऐसे में जब एक ही तत्व वाली दो राशियों में दो ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का कोण, जिसे नक्षत्र के द्वारा भी जान सकते हैं, बना दें तो नवपंचम राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)