Navpancham Rajyog 2025 : ज्योतिष शास्त्र में न्याय व दंड के देवता शनि और ग्रहों के सेनापति मंगल का बड़ा महत्व है। शनि को सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह माना जाता हैं, जिन्हें एक से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब 2.5 वर्ष का समय लगता हैं, इसलिए एक ही राशि में दोबारा आने में शनि को 30 साल लगते है।वही भूमि, साहस, वीरता के कारक माने जाने वाले मंगल 45 दिनों में राशि परिवर्तन करते है।
ज्योतिष के मुताबिक, 29 मार्च को शनि कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश कर गए है और 3 अप्रैल को मंगल मिथुन से निकलकर कर्क में गोचर करेंगे, ऐसे में 5 अप्रैल को दोनों ग्रह एक-दूसरे से 120 डिग्री पर रहेंगे, जिससे नवपंचम राजयोग का निर्माण होगा, जो 3 राशियों के लिए शुभ साबित हो सकता है।

नवपंचम राजयोग किन राशियों के लिए होगा भाग्यशाली
मेष राशि: मंगल शनि युति और नवपंचम राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है।आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। लंबे समय से अटके काम पूरे होंगे। शिक्षा के क्षेत्र में सफलता हासिल करेंगे। बेरोजगार को नौकरी के कई अवसर मिल सकते है। व्यापार में वृद्धि और मुनाफा प्राप्त हो सकता है। यात्रा पर जा सकते है। नौकरी के नए अवसर मिल सकते हैं।
कर्क राशि: शनि मंगल की युति और नवपंचम राजयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। नौकरीपेशा को कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है। समाज में मान-सम्मान और पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। लव लाइफ शानदार रहेगी। परिवार में चल रही समस्याएं दूर होंगी।जीवन में अच्छे मुकाम हासिल होंगे। उच्च अधिकारियों का पूरा साथ मिलेगा।बिजनेस में विस्तार आ सकते हैं।
कुंभ राशि: मंगल शनि की युति व नवपंचम राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। निवेश में बड़ा लाभ हो सकता है। भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी। अविवाहित जातकों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है।नौकरीपेशा जातकों को खूब लाभ मिल सकता है। व्यापार के क्षेत्र में भी काफी लाभ मिल सकता है। भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है।
तुला राशि: मंगल और शनि का बना नवपंचम राजयोग काफी शुभ साबित हो सकता है। शनिदेव की कृपा से आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होगी। सरकारी नौकरी पाने के मार्ग खुलेंगे। कानूनी मामलों सफलता पा सकते है। प्रतियोगी परीक्षा या सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे जातकों को लाभ मिल सकता है। धन-संपत्ति के मामले में काफी वृद्धि देखने को मिल सकती है। नए काम की शुरुआत करेंगे। आर्थिक स्थिति बेहतर रहेगी।हर तरह की इच्छाओं की पूर्ति होगी।
आईए जानते है नवपंचम राजयोग के बारें में
- ज्योतिष के मुताबिक, नवपंचम राजयोग तब बनता है जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं। दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है।
- जैसै मेष, सिंह, धनु को अग्नि राशि, वृषभ, कन्या, मकर को पृथ्वी राशि, मिथुन, तुला, कुंभ को वायु राशि और कर्क वृश्चिक मीन को जल राशि माना जाता है, ऐसे में जब एक ही तत्व वाली दो राशियों में 2 ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का कोण, जिसे नक्षत्र के द्वारा भी जान सकते हैं, तो नवपंचम राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)