Neech bhang Rajyog : वैदिक ज्योतिष में सभी नवग्रहों का विशेष महत्व माना जाता है और हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि बदलता है, जिससे योग-राजयोग का निर्माण होता है। हाल ही में ग्रहों के राजकुमार बुध देव 2 अप्रैल को वक्री हुए है और अब 9 अप्रैल को मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे है, ऐसे में नीच भंग राजयोग का निर्माण होने जा रहा है। चुंकी बुध देव कन्या राशि में उच्च के होते हैं, तो मीन राशि में नीच के होते हैं। बुध देव मिथुन और कन्या के स्वामी है। इस दुर्लभ नीचभंग राजयोग के बनने से सभी राशियों के जातकों पर असर देखने को मिलेगा, लेकिन 3 राशियां ऐसी हैं, जिनके लिए यह बेहद भाग्यशाली होगी। आइए जानते हैं कौन सी है ये 3 लकी राशियां…
3 राशियों के लिए लकी साबित होगा नीचभंग राजयोग
मेष राशि : बुध के गोचर से नीचभंग राजयोग का बनना जातकों के लिए बेहद लकी साबित हो सकता है।भाग्य का साथ मिलेगा। कारोबार में तरक्की के साथ धनलाभ के योग है। कार्यों में सफलता मिलेगी। शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी से भी धनलाभ हो सकता है। आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है। निवेश से लाभ होगा। कोर्ट- कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
मिथुन राशि : बुध ग्रह और नीचभंग राजयोग का बनना फलदायी साबित होगा।कार्यों में सफलता मिल सकती है। अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है। भौतिक सुखों में वृद्धि होगी। आय में वृद्धि होने की संभावना है।नौकरीपेशा को पदोन्नति और वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। संतान से संबंधित शुभ समाचार मिल सकता है। विदेशों से लाभ होगा। कार्यस्थल पर कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है।
वृषभ राशि : बुध ग्रह का गोचर और नीचभंग राजयोग का बनना जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। आय में वृद्धि होगी और नए- नए सोर्स बन सकते हैं। करियर में तरक्की और बिजनेस में धनलाभ प्राप्त हो सकता है । व्यवसायिक डील कर सकते हैं।रुका हुआ पैसा वापस मिलेगा। वाहन और प्रापर्टी भी खरीद सकते हैं।
जानिए कब बनता है नीचभंग राजयोग
- ज्योतिष के मुताबिक, यदि किसी कुंडली में एक उच्च ग्रह के साथ एक नीच ग्रह रखा जाता है, तो कुंडली में नीचभंग राजयोग बनता है।
- यदि किसी कुंडली में कोई ग्रह अपनी नीच राशि में बैठा हो और उस राशि का स्वामी लग्न भाव या चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो तो कुंडली में नीचभंग राजयोग बनता है।
- यदि किसी कुंडली में कोई ग्रह अपनी नीच राशि में हो और उस राशि में उच्च होने वाला ग्रह चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो तो नीचभंग राजयोग बनता है।
- यदि किसी कुंडली में किसी ग्रह की नीच राशि का स्वामी और उसकी उच्च राशि का स्वामी परस्पर केंद्र स्थान में हो तो नीचभंग राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)