Gajkesari Rajyog 2025: हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते है इस दौरान एक राशि में एक या एक से अधिक ग्रह के साथ आने से कई तरह के योग और राजयोग बनते हैं। इसी कड़ी में अब एक बार फिर देवताओं के गुरू बृहस्पति और मन के कारक चन्द्रमा मिलकर 10 अप्रैल को गजकेसरी राजयोग बनाने जा रहे है, जो 3 राशियों के लिए बेहद शुभ होगा।
ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में चंद्रमा और देवताओं के गुरू बृहस्पति का अपना अलग महत्व है। जहां चन्द्रमा एक राशि से दूसरी राशि में जाने से ढ़ाई दिन का समय लगाते है, वही देव गुरू बृहस्पति 13 महीने में राशि बदलते है।वर्तमान में देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि में विराजमान है और 10 अप्रैल को मन के कारक चंद्रमा बुध की राशि कन्या में प्रवेश करेंगे, ऐसे में गुरू की दृष्टि चन्द्रमा पर पड़ेगी जिससे शक्तिशाली गजकेसरी राजयोग बनेगा और 13 अप्रैल तक रहेगा।

गजकेसरी राजयोग का राशि पर प्रभाव
मेष राशि: गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।कार्यस्थल में वरिष्ठ अधिकारियों का पूरा साथ मिल सकता है।धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। पार्टनर के साथ अच्छा समय बीताने का मौका मिल सकता है। नए दोस्तों से मुलाकात हो सकती है। अविवाहितों को शादी का प्रस्ताव आ सकता है। कारोबारियों को मुनाफा मिल सकता है। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।धन कमाने के मौके मिलेंगे।
सिंह राशि : गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। कई क्षेत्रों में सफलता हासिल कर सकते हैं। नौकरी में प्रमोशन के साथ वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। पैतृक संपत्ति से लाभ मिल सकता है।इस अवधि में निवेश करने से लाभ मिल सकता है।आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है।स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। कर्ज व तनाव से मुक्ति मिलेगी।
मकर राशि: गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए बहुत ही अनुकूल साबित हो सकता है। भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा। निजी जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो सकती है।लंबे समय से अटके व रुके कामों को गति मिल सकती है। मानसिक तनाव से शांति मिलेगी। अध्यात्म की तरफ झुकाव बढ़ेगा। धार्मिक यात्राएं कर सकते है। नई नौकरी के कई अवसर मिल सकते हैं। पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति हो सकती है।
कुंडली में कब बनता है गजकेसरी राजयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा ,गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है ।अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है।यदि चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी गजकेसरी योग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)