Ratna Shastra: आने वाले संकटों का पहले से संकेत देता है माणिक्य, जानें इसे धारण करने की विधि और लाभ

रत्न शास्त्र में कई रत्नों का उल्लेख किया गया है। यह व्यक्ति के जीवन को गहरे तरीके से प्रभावित करने का काम करता है। चलिए आज हम आपको चमत्कारी रत्न माणिक्य के बारे में बताते हैं।

Diksha Bhanupriy
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Ratna Shastra

Ratna Shastra: हिंदू धर्म में ज्योतिष काफी ज्यादा महत्व रखता है। ज्योतिष एक ऐसा माध्यम है, जो व्यक्ति के जीवन के बारे में कई तरह की जानकारी देने का काम करता है। ज्योतिष में कई सारे नियम और उपाय वर्णित किए गए हैं, जो बहुत गहरे तरीके से व्यक्ति से जुड़े हुए हैं।

रत्न शास्त्र ज्योतिष के एक महत्वपूर्ण शाखा है। इसमें कई सारे रत्नों का उल्लेख दिया गया है, जो व्यक्ति के जीवन में आने वाली परेशानियों का समाधान करने के अलावा आने वाले संकटों की जानकारी भी देते हैं। आज हम आपको सूर्य के रत्न माणिक्य के बारे में बताते हैं।

बहुत खास है माणिक्य

रत्न शास्त्र में वर्णित माणिक्य का संबंध सूर्य ग्रह से होता है। जिस तरह से सूर्य व्यक्ति के जीवन को गहरे तरीके से प्रभावित करने का काम करता है उसे तरह से माणिक्य भी गहरी तरीके से जीवन पर प्रभाव डालता है। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन माणिक्य एक ऐसा ग्रह है जो जीवन में आने वाले संकट की सूचना व्यक्ति को पहले से दे देता है।

देता है संकट की सूचना

  • माणिक्य एक ऐसा रत्न है, जिसे धारण करने से व्यक्ति को कई तरह के फायदे होते हैं। वहीं अगर व्यक्ति बीमार होने वाला होता है या उससे कोई समस्या होने वाली होती है तो माणिक्य का रंग फीका पड़ जाता है।
  • अगर व्यक्ति की मृत्यु होने वाली होती है तो उसके 3 महीने पहले से माणिक्य का रंग सफेद होने लगता है।
  • मान्यताओं के मुताबिक पति-पत्नी दोनों अगर माणिक्य पहनते हैं तो पत्नी की बेवफाई के बाद पति के माणिक्य का रंग फीका पड़ जाता है। वहीं अगर पति बेवफाई करता है तो पत्नी द्वारा धारण किए गए माणिक्य का रंग फीका हो जाता है।

कौन कर सकता है धारण

जिन लोगों की राशि और लगन मेष, सिंह, वृश्चिक, कर्क और धनु है। उन लोगों के लिए माणिक्य बहुत शुभ माना गया है। इसे धारण करने से इन राशियों के लोगों को बहुत फायदा होता है।

ऐसे करें धारण

अगर आप माणिक्य धारण करना चाहते हैं तो इसे बिना अभिमंत्रित किए ना पहनें। इसे धारण करने से पहले सूर्य देव की पूजन करें। इसके बाद सूर्य मंत्र का जाप कर कृतिका, उत्तराअषाढ़, रवि पुष्य या उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में रविवार के दिन धारण करें।

कैसे करें असली की पहचान

  • रत्न असली और नकली दोनों तरह के मिलते हैं। असली माणिक्य की बात करें तो वह लाल, रक्त वर्णी, गुलाबी और फीका गुलाबी जैसे रंगों में पाया जाता है।
  • असली माणिक्य की पहचान करने के लिए एक और तरीका अपनाया जा सकता है। आप इसे दूध में डालकर देख सकते हैं। असली माणिक्य दूध में डालने पर दूध का रंग गुलाबी दिखने लगता है। कांच के बर्तन में इसे रखेंगे तो चारों तरफ से हल्की किरण निकलती दिखाई देती है।

होंगे ये लाभ

  • माणिक्य धारण करने से व्यक्ति के रक्त संबंधी रोग दूर हो जाते हैं।
  • अगर व्यक्ति को किसी तरह की बीमारी है और उसका इलाज चल रहा है। तो इस रत्न से इलाज तेजी से लगता है।
  • इस धारण करने से दूषित विचारों पर नियंत्रण होता है। इससे धार्मिक आस्था बढ़ती है और पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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