Ratna Shastra: ज्योतिष का हिंदू धर्म में काफी ज्यादा महत्व माना गया है। ज्योति एक नहीं बल्कि कई अलग-अलग भागों में विभाजित है। जिससे व्यक्ति के जीवन के बारे में कई तरह की जानकारी तो मिलती ही है। समस्याओं का समाधान भी मिलता है।
रत्न शास्त्र ज्योतिष का ही एक अद्भुत हिस्सा है, जिसमें कुंडली और उसमें मौजूद ग्रहों की स्थिति के आधार पर अलग-अलग रत्न की जानकारी दी गई है। इन रत्नों को धारण करने से व्यक्ति के जीवन के कई बड़ी समस्याएं समाप्त हो जाती है। चलिए आपको सोया हुआ भाग्य जगा देने वाले रन के बारे में बताते हैं।
पुखराज
पुखराज बहुत ही चमत्कारी रत्न है, इसका संबंध गुरु ग्रह से बताया गया है। जिस व्यक्ति के जीवन में गुरु की स्थिति मजबूत होती है वह सुख समृद्धि की प्राप्ति करता है। कुंडली में गुरु की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए पुखराज धारण करना शुभ माना गया है।
ऐसे करें धारण
अगर आप गुरु ग्रह की स्थिति को मजबूत बनाना चाहते हैं तो आप इसे धारण कर सकते हैं। पुखराज पहनने से पहले कुंडली में ग्रहों की स्थिति देख लेना बहुत जरूरी है। अगर आपकी कुंडली में गुरु 6, 8 और 12वें स्थान पर है तो पुखराज धारण न करें। जिन लोगों का लग्न धनु या मीन है वह इसे पहन सकते हैं। यह चांदी या सोने की धातु में तर्जनी उंगली में पहना जाता है। इस धारण करने के लिए गुरुवार का दिन सबसे उत्तम होता है।
फिरोजा
यह बहुत ही शक्तिशाली रत्न है जो नीले या फिर हरे नीले रंग का होता है। यह सबसे प्राचीन रत्नों में से एक है। इस अंगूठी और माला दोनों ही तरीके से धारण किया जा सकता है। इसे पहनने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि होती है। ये आत्मविश्वास में वृद्धि करता है और करियर में तरक्की दिलाता है।
ऐसे करें धारण
फिरोज गुरुवार बृहस्पतिवार या शनिवार के दिन शुभ मुहूर्त में पहना जाता है। यह पंच धातु से बनी अंगूठी में पहनना चाहिए या फिर चांदी की अंगूठी भी पहन सकते हैं। जो लोग कला के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं या क्रिएटिविटी के कामों में जिनके मन लगता है उनके लिए यह बेस्ट है।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।