जीवन के कष्टों का नाश करता है रुद्राक्ष, धारण करने से पहले जान लें ये 9 नियम

सनातन धर्म में रुद्राक्ष को विशेष महत्व दिया गया है। यह भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ था जो व्यक्ति के जीवन के कष्टों को हर लेता है। चलिए इसे धारण करने के नियम जान लेते हैं।

Diksha Bhanupriy
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Rudraksha

Rudraksh: सनातन धर्म में व्रत, त्यौहार, पूजन पाठ, रत्नों को विशेष महत्व दिया गया है। हर व्रत की अपनी कोई ना कोई महिमा है और हर त्यौहार किसी खास महत्व की वजह से मनाया जाता है। इसी तरह से ज्योतिष का भी हिंदू धर्म में विशेष स्थान है। हम जो भी काम करते हैं, वह ज्योतिष की दृष्टि से ही किए जाते हैं।

ज्योतिष में कुछ खास रत्नों का उल्लेख भी दिया गया है, जो हमारे जीवन से परेशानी को दूर कर सुख समृद्धि लाने का काम करते हैं। ज्योतिष कई अलग-अलग भागों में विभाजित है, जिनमें से एक रत्न शास्त्र है। इसमें 9 रत्नों 84 उपरत्नों और कुछ खास रत्नों का उल्लेख है।

रुद्राक्ष का महत्व (Rudraksh)

रुद्राक्ष भी एक ऐसी चीज है जिसे सनातन धर्म में विशेष महत्व दिया गया है। इसका संबंध सीधे भगवान शिव से बताया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान शिव के आंसुओं से रुद्राक्ष का निर्माण हुआ था। अगर व्यक्ति रुद्राक्ष की माला पहन लेता है तो उसे सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। हालांकि, इसे पहनने के लिए कई नियमों का ध्यान भी रखना पड़ता है।

तामसिक भोजन

जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसे तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। मांस मदिरा का सेवन करने वाला व्यक्ति रुद्राक्ष धारण न करे तो बेहतर है। ऐसा करने से रुद्राक्ष और पवित्र हो जाता है और व्यक्ति को अशुभ परिणाम का सामना करना पड़ता है।

गर्भवती स्त्री

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गर्भवती महिला को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। अगर पहले से रुद्राक्ष धारण कर रखा है तो गर्भवती होने के बाद इसे उतार देना चाहिए और बच्चे के जन्म के बाद आप इसे दोबारा पहन सकते हैं।

सोते समय

ज्योतिष के जो नियम बताए गए हैं उसके मुताबिक जब आप सो रहे हैं, तब रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। सोते समय आप इसे अपने तकिए के नीचे रख सकते हैं। इससे बुरे सपने नहीं आते हैं।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  • रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसके मूल मंत्र का 9 बार जाप करना चाहिए।
  • श्मशान घाट जाने से पहले रुद्राक्ष उतार कर रख देना चाहिए।
  • अपनी रुद्राक्ष की माला किसी अन्य व्यक्ति को नहीं देना चाहिए।
  • मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष की माला नहीं पहनना चाहिए।
  • इस धारण करने के बाद मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • जब भी आप इसे उतार कर रख रहे हैं तो ध्यान रखें कि वह स्थान पवित्र होना चाहिए।
  • रुद्राक्ष की माला का धागा लाल और पीले रंग का होना शुभ माना जाता है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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