Bhadra/Shash/malavya Rajyog : ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों, कुंडली और नक्षत्रों का बड़ा महत्व माना जाता है। हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि परिवर्तन करता हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन और देश- दुनिया पर देखने को मिलता है। इसी क्रम में सितंबर अंत में ग्रहों के राजकुमार बुध. दैत्यों की गुरू शुक्र और न्याय दंड के देवता शनि 3 राजयोग का निर्माण करने वाले है, जिसका राशियों पर बड़ा असर देखने को मिलेगा।
ज्योतिष के मुताबिक, वर्तमान में शनि मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान है, ऐसे में शश राजयोग का निर्माण हुआ। बुद्धि ज्ञान के कारक बुध 23 सितंबर को स्वराशि कन्या में प्रवेश करके भद्र राजयोग बनाएंगे। धन वैभ सौंदर्य के दाता शुक्र 18 सितंबर को स्वराशि तुला में गोचर करते हुए मालव्य राजयोग बना रहे हैं, ऐसे में 3 बड़े ग्रह स्वराशियों में गोचर करते हुए एक साथ 3 राजयोग बनाएंगे, जो 4 राशियों के लिए बेहद शुभ साबित होने वाला है, आइए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं….
4 राशियों के लिए लकी होंगे 3 राजयोग
कुंभ राशि : शश राजयोग से 2025 मार्च तक जातकों को भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। समाज में मान- सम्मान मिलेगा।कोर्ट-कचहरी के मामलों से निजात मिल सकती है।विदेश में व्यापार करने के साथ धन लाभ मिल सकता है। नौकरीपेशा को अच्छा इंक्रीमेंट के साथ प्रमोशन मिल सकता हैं।मालव्य राजयोग से देश- विदेश की यात्रा पर जा सकते हैं। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे छात्रों को सफलता मिलने के योग है। किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। प्रॉपर्टी या फिर शेयर मार्केट में निवेश के लिए समय अनुकूल है। कारोबार में आय के नए रास्ते खुलेंगे । स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। साथ ही इस समय शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा।
वृषभ राशि: एक साथ तीन राजयोग का बनना जातकों के लिए शुभ सिद्ध हो सकता है। संतान से जुड़ा कोई शुभ समाचार मिल सकता है।आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति होगी। अटके और रूके हुए काम पूरे हो सकते है। प्रॉपर्टी, घर या वाहन भी खरीद सकते हैं। नौकरीपेशा जातकों को प्रमोशन के साथ वेतन में भी वृद्धि हो सकती है। आय में जबरदस्त इजाफा हो सकता है।इस दौरान शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा।आप विदेश में नौकरी या फिर व्यापार करने का सपना पूरा हो सकता है। बिजनेस में भी खूब लाभ मिलने के आसार हैं। बेरोजगारों को भी जल्द ही नौकरी मिल सकती है। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलने के संकेत है।
तुला राशि :राजयोग से जातकों का भाग्योदय हो सकता है। मान सम्मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी ।नौकरीपेशा को नई जिम्मेदारी मिल सकती है।पदोन्नति के साथ अच्छी सैलरी मिल सकती है। संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो सकती है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को सफलता हासिल हो सकती है। भगवान के प्रति आपकी आस्था बढे़गी और कई रुके कार्य पूर्ण होने मन प्रसन्न होगा। करियर और कारोबार के मामले में यह महीना शानदार साबित होगा।अविवाहित लोगों को विवाह का प्रस्ताव आ सकता है। पार्टनरशिप के काम में लाभ हो सकता है।आय के नए स्रोत खुलेंगे।नौकरी बदलने के लिए समय अनुकूल रहने वाला है। वाहन और प्रापर्टी का सुख मिल सकता है। भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है।
कन्या राशि: शश मालव्य और भद्र राजयोग से किस्मत का पूरा साथ मिलेगा।जो लोग बैंक आदि से लोन लेना चाहते हैं, तो उन्हें भी सफलता हासिल हो सकता है। नौकरीपेशा पदोन्नति, वेतन वृद्धि के साथ कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।समाज में मान सम्मान बढ़ेगा। हर कार्य में सफलता मिलेगी। आर्थिक स्थिति अच्छी बनेगी।इस दौरान आपको काम- कारोबार में तरक्की मिल सकती है। व्यापारियों को अच्छा धनलाभ हो सकता है। शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन खुशनुमा रहेगा। अविवाहित लोगों को विवाह का प्रस्ताव आ सकता है।आपको आकस्मिक धन लाभ होगा ।समाज में मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी।
कुंडली में कब बनते है ये राजयोग
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार , भद्र महापुरुष राजयोग बुद्ध ग्रह से संबंधित है। यदि आपकी कुंडली में बुध लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित हैं अर्थात बुध यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में मिथुन अथवा कन्या राशि में स्थित हैं तो आपकी कुंडली में भद्र राजयोग बनता है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शश राजयोग को पंचमहापुरुष योगों में से एक माना जाता है। जब शनि लग्न भाव से या चंद्र भाव से केंद्र भाव पर हो यानि शनि देव यदि किसी कुंडली में लग्न अथाव चंद्रमा से 1, 4, 7 या 10वें स्थान में तुला, मकर या कुंभ राशि में विराजमान हो तो ऐसी कुंडली में शश योग का निर्माण होता है।
- ज्योतिष के मुताबिक, मालव्य राजयोग शुक्र से संबंधित है, जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है।मालव्य योग को पंच महापुरुष राजयोग में से एक माना जाता है ।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)