नाक में चांदी की नथ क्यों नहीं पहननी चाहिए? जानें कारण और प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में आभूषणों का हमारे शरीर और ग्रहों पर विशेष प्रभाव माना गया है। इसी के अनुसार, नाक में चांदी की नथ पहनने को अशुभ माना जाता है। चांदी का संबंध चंद्रमा से होता है, जो शीतलता और शांति का प्रतीक है, और इसे शरीर के निचले हिस्से में पहनना अधिक लाभकारी माना जाता है।

भावना चौबे
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Silver Nose Ring

Silver Nose Ring: ज्योतिष शास्त्र में आभूषणों का महत्व सिर्फ सजावट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में ग्रहों के प्रभाव को संतुलित करने का एक तरीका भी माने जाते हैं।

प्रत्येक ग्रह का संबंध एक विशेष धातु से होता है और यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति में होता है तो उसे ग्रह से संबंधित धातु के आभूषण पहनने से उस ग्रह के प्रभाव को शांत किया जा सकता है। इस तरह नाक में चांदी की नाथ पहनने की मनाही ज्योतिष शास्त्र में की जाती है, क्योंकि चांदी चंद्रमा से संबंधित होती है और नाक के पास चंद्रमा का प्रभाव अधिक होने से यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकता है।

ज्योतिषीय दृष्टि से सोना-चांदी पहनने के नियम

सोने को ऊपरी हिस्से में पहनना चाहिए

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोने को हमेशा शरीर के ऊपरी हिस्से में पहनने की सलाह दी जाती है। जबकि चांदी को शरीर के निचले हिस्से में पहनने की परंपरा है। इसे इस तरह से समझा जाता है, कि शरीर का ऊपरी हिस्सा भगवान का प्रतीक माना जाता है और इसी कारण सोने को सिर, गले, कान और हाथों में पहनने की मान्यता है।

सोना सूर्य और गुरु बृहस्पति ग्रह से शासित होता है और इस शुभता, समृद्धि, शक्ति का प्रतीक माना जाता है। सोने का ऊर्जा स्तर बहुत उच्च होता है, जो शरीर और मन दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यही कारण है कि इसे विशेष अवसरों पर और शुभ कार्य में पहनने की परंपरा है।

चांदी को हमेशा निचले हिस्से में पहनना चाहिए

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चांदी से संबंधित आभूषणों को शरीर के नीचे हिस्से में पहनने की मान्यता है क्योंकि चांदी का तापमान शीतल होता है और यह शरीर में ठंडक पहुंचाता है। चांदी में चंद्रमा का प्रभाव होता है, जो शांति और मानसिक स्थिति को बेहतर बनाता है। वही सोने में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है और यह शुभता और समृद्धि का प्रतीक है।

सोना-चांदी पहनने का ज्योतिषीय महत्व

इसलिए सोने को शरीर के ऊपर पहनना चाहिए, ताकि लक्ष्मी माता की कृपा बनी रहे इसके अलावा सोलह श्रृंगार के वर्णन में भी यह बताया गया है कि सोना ऊपरी हिस्से में है और चांदी पिछले हिस्से में पहनना चाहिए। इस परंपरा के तहत चांदी की नथ नाक में पहनने से शुक्र ग्रह की स्थिति कमजोर हो सकती है क्योंकि नथ नाक में पहनने से शुक्र ग्रह का प्रभाव प्रभावित होता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में नथ को नाक में पहनने से मना किया जाता है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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भावना चौबे

भावना चौबे

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