Neech bhang Rajyog : वैदिक ज्योतिष में सभी नवग्रहों का विशेष महत्व माना जाता है और हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि बदलता है, जिससे योग-राजयोग का निर्माण होता है।इसी क्रम में अगस्त अंत में दैत्यों के गुरू शुक्र राशि नीच राशि (कन्या) में प्रवेश कर नीचभंग राजयोग का निर्माण करने जा रहे है।
दैत्यों के गुरु शुक्र 25 अगस्त को सुबह कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसके बाद 18 सितंबर तक इसी राशि में रहेंगे और फिर शुक्र तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे। कन्या राशि शुक्र की नीच राशि मानी जाती है। इस दुर्लभ नीचभंग राजयोग के बनने से सभी राशियों के जातकों पर असर देखने को मिलेगा, लेकिन 3 राशियां ऐसी हैं, जिनके लिए यह बेहद भाग्यशाली होगी। आइए जानते हैं कौन सी है ये 3 लकी राशियां…
3 राशियों के लिए लकी साबित होगा नीचभंग राजयोग
कन्या राशि: नीचभंग राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। इसका कारण शुक्र ग्रह आपकी राशि से लग्न भाव पर संचरण करना है।करियर के क्षेत्र में भी सफलता हासिल हो सकती है। विवाहितों को संतान की प्राप्ति हो सकती है। संतान की तरफ से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। शादीशुदा जीवन शानदार रहेगा, जीवनसाथी की तरक्की हो सकती है। अविवाहित लोगों को विवाह का प्रस्ताव आ सकता है। शुक्र गोचर से भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी।
मकर राशि: नीचभंग राजयोग का बनना जातकों को शुभ सिद्ध हो सकता है। इसका कारण शुक्र ग्रह आपकी गोचर कुंडली के नवम भाव पर संचरण करना है। भाग्योदय हो सकता है। किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। रुके हुए कार्य पूरे हो सकते है। नौकरीपेशा को अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है।आय के स्रोत बढ़ सकते है। अटके हुए कार्य पूरे हो सकते हैं। काम- कारोबार के संबंध से यात्रा कर सकते हैं।
धनु राशि : नीचभंग राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। इसका कारण शुक्र ग्रह का आपकी राशि से कर्म भाव पर संचरण करना है। काम-कारोबार में खास तरक्की मिल सकती है। नौकरी और करियर में तरक्की मिलेगी।व्यापारियों को इस समय अच्छा धनलाभ हो सकता है। इस समय आप कारोबार का विस्तार कर सकते हैं।
कब बनता है Neech bhang Rajyog
- ज्योतिष के मुताबिक, यदि किसी कुंडली में एक उच्च ग्रह के साथ एक नीच ग्रह रखा जाता है, तो कुंडली में नीचभंग राजयोग बनता है।
- यदि किसी कुंडली में कोई ग्रह अपनी नीच राशि में बैठा हो और उस राशि का स्वामी लग्न भाव या चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो तो कुंडली में नीचभंग राजयोग बनता है।
- यदि किसी कुंडली में कोई ग्रह अपनी नीच राशि में हो और उस राशि में उच्च होने वाला ग्रह चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो तो नीचभंग राजयोग बनता है।
- यदि किसी कुंडली में किसी ग्रह की नीच राशि का स्वामी और उसकी उच्च राशि का स्वामी परस्पर केंद्र स्थान में हो तो नीचभंग राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)