Malavya/Bhadra Rajyog: ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों, कुंडली और नक्षत्रों का बड़ा महत्व माना जाता है। हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि परिवर्तन करता हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन और देश- दुनिया पर देखने को मिलता है। 18 सितंबर को दैत्यों के गुरू शुक्र तुला राशि और बुद्धि ज्ञान के कारक ग्रहों के राजकुमार बुध 23 सितंबर को कन्या राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे मालव्य और भद्र राजयोग बनेगा।
ज्योतिष के मुताबिक, करीब 100 साल बाद यह पहला मौका होगा जब बुध शुक्र के गोचर से एक साथ भद्र और मालव्य राजयोग बनेगा। वैसे तो यह राजयोग 12 राशियों पर अलग अलग प्रभाव डालेंगे लेकिन 3 राशियों के लिए बेहद लकी साबित होने वाले है। आईए जानते हैं सितंबर में किन किन राशियों को लाभ मिलेगा।
तुला राशि : 100 साल बाद भद्र और मालव्य राजयोग का एक साथ बनना जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। आत्मविश्वाश में वृद्धि देखने को मिलेगी। व्यक्तित्व में निखार होगा। धनलाभ के नए नए अवसर मिलेंगे। नए कारोबार की शुरुआत कर सकते हैं। वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा।अविवाहित लोगों को विवाह का प्रस्ताव आ सकता है।व्यापारी नया व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। पारिवारिक जीवन शानदार रहेगा।
कन्या राशि: भद्र और मालव्य राजयोग से जातकों के अच्छे दिन शुरू हो सकते हैं।अप्रत्याशित आर्थिक लाभ हो सकता है। परिवार का साथ मिलेगा। बिजनेस क्लास का कोई भी व्यक्ति इस कोर्स में नया बिजनेस शुरू कर सकता है।आकस्मिक धनलाभ हो सकता है। पैसा कमाने के साथ साथ कामयाबी के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे। नए कारोबार की शुरुआत कर सकते हैं। बड़े- बड़े लोगों के साथ संबंध बन सकते हैं। मान- सम्मान की भी प्राप्ति होगी।
वृषभ राशि: भद्र और मालव्य राजयोग का बनना शुभ सिद्ध हो सकता है। आपको संतान से जुड़ा कोई शुभ समाचार मिल सकता है। कार्यों में सफलता मिल सकती है। प्रेम विवाह हो सकता है। आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति होगी। नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारी मिल सकती है।संतान को लेकर अच्छी खबर मिल सकती है। व्यवसायिक क्षेत्र में अच्छा मुनाफा हो सकता है। अटके और रूके हुए काम पूरे हो सकते है।
कब बनते है Bhadra/Malavya Rajyog
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार , भद्र महापुरुष राजयोग बुद्ध ग्रह से संबंधित है। यदि आपकी कुंडली में बुध लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित हैं अर्थात बुध यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में मिथुन अथवा कन्या राशि में स्थित हैं तो आपकी कुंडली में भद्र राजयोग बनता है।इस योग को पंच महापुरुष राजयोग में से एक माना गया है, इससे व्यक्ति के जीवन में ज्ञान और धन दोनों की कमी नहीं रहती है।
- ज्योतिष के मुताबिक, जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है।मालव्य योग को पंच महापुरुष राजयोग में से एक माना जाता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)