पितृ दोष से पाना चाहते हैं मुक्ति? जलाएं इस तेल का दीपक, मिलेंगे चमत्कारी परिणाम

हर व्यक्ति अपने जीवन में सुख, समृद्धि और तरक्की प्राप्त करना चाहता है, लेकिन कई बार कुंडली में मौजूद दोष इसमें बाधा बन जाते हैं। पितृ दोष भी एक ऐसे ही बाधा है, जो हमें परेशानी में डाल देती है। हालांकि, कुछ उपाय के जरिए इससे मुक्ति पाई जा सकती है।

Diksha Bhanupriy
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Pitru Dosh Astro Tips: ज्योतिष का सनातन धर्म में बहुत अधिक महत्व माना गया है। इसमें दिए गए नियम कायदे, पूजन पाठ के तरीके, उपाय सभी का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है। यही वजह है कि हम जो भी काम करते हैं उसमें सबसे पहले ज्योतिष के नियमों और तरीकों का विशेष ध्यान रखा जाता है। ज्योतिष में कुछ ऐसे उपाय भी बताए गए हैं, जो हमें जीवन के कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं।

दरअसल, हमारे जीवन में जो भी घटित हो रहा होता है। वह पूरी तरह से हमारी कुंडली में मौजूद ग्रहण नक्षत्र की स्थिति की वजह से होता है। अगर ग्रहों की यह स्थिति अच्छी रहती है, तो हमें अच्छे परिणाम मिलते हैं और अगर स्थिति बिगड़ जाए तो हम अशुभ परिणाम की प्राप्ति करते हैं। कई बार कुंडली में मौजूद ग्रह दोष उत्पन्न कर देते हैं, जिसका हमारे जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है। पितृ दोष भी एक ऐसा ही दोष है, जो पितरों के आशीर्वाद की कमी की वजह से मिलता है। इससे छुटकारा पाने के लिए भी ज्योतिष में उपाय बताए गए हैं।

क्यों लगता है पितृ दोष (Pitru Dosh)

सबसे पहले तो हम आपको यह बता देते हैं कि पितृ दोष क्यों लगता है। दरअसल हमारे अमृत पितरों के नाराज होने की वजह से हमें इस दोष का सामना करना पड़ता है। हालांकि, कुछ आसान उपायों के जरिए हम पितरों को प्रसन्न कर इस दोष से मुक्ति पा सकते हैं।

सरसों का दीपक

किसी भी पूजन पाठ में हम दीपक का इस्तेमाल जरूर करते हैं। जब हम पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो हमें सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इससे पितृ दोष हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।

इन बातों का रखें ध्यान

जब आप सरसों के तेल का दीपक जला रहे हैं तब उसमें काले तिल जरूर डालें। ऐसा करने से पितृ दोष का असर धीरे-धीरे खत्म होने लगेगा।

दिशा का ध्यान

सरसों के तेल का जो दीपक अपने पितरों के लिए जलाया है। उसे हमेशा दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। दक्षिण दिशा पितृ की मानी गई है इसलिए इसे यहीं पर रखें।

कब जलाएं

यह दीपक आपको अमावस्या के दिन जलाना चाहिए। अमावस्या वाले दिन सूर्यास्त के बाद घर के दक्षिण दिशा में दीप प्रज्वलित करें। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होंगे और आपको सुख समृद्धि का आशीर्वाद देंगे। दक्षिण दिशा के अलावा घर के मुख्य द्वार पर और पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखी दीपक जलाना भी शुभ माना गया है। इसके अलावा वह वैशाखी अमावस्या पर दीपदान जरूर करें।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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