Ramlala Pran Pratishtha : पूरा देश 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी में जुटा हुआ है। इसके लिए पहले से ही 5 दिवसीय अनुष्ठान शुरू हो जाएगी। इस दौरान गणेश अंबिका पूजा भी की जाएगी। चूंकि, यह पूजन 18 जनवरी को पड़ रही है, जिस दिन पौष महीने का मासिक दुर्गाअष्टमी भी है। हिंदू धर्म के अनुसार, गणेश अंबिका पूजन का बहुत महत्व होता है। इस दिन कोई भी शुभ काम करने से पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान उनके साथ मां गौरी की भी पूजा की जाती है। वहीं, रामलाल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 5 दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन गौरी अंबिका की पूजा की जाएगी। ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो इस दिन सिद्धि योग समेत 5 अद्भुत सहयोग बन रहे हैं। इन योगों में भक्तों को कई गुना अधिक शुभ फल प्राप्त होगा। आइए जानते हैं विस्तार से…
इन योगों का हो रहा निर्माण
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन सिद्ध योग, बव और बालव, साध्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान जगत जननी मां गौरी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
जानिए मुहूर्त यहां…
- सिद्ध योग: इस योग का निर्माण दोपहर 02 बजकर 48 मिनट पर होगा।
- साध्य योग: इस शुभ योग का निर्माण 08 बजकर 44 मिनट पर होगा।
- सर्वार्थ सिद्धि योग: इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर रात 02 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।
- भद्रावास योग: इस योग का निर्माण सुबह 09 बजकर 22 मिनट पर होगा।
- बव और बालव करण: सुबह 09 बजकर 23 मिनट पर इसका निर्माण आ रहा है।
होगा लाइव प्रसारण
भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में 22 जनवरी का काफी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। बता दें कि इस दिन अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जाएगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर का लोकार्पण किया जाएगा। इस दिन मंदिर परिसर समेत पूरे शहर में बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगाई जाएगी। जिसका सीधा लाइव प्रसारण किया जाएगा। इस दौरान भजन, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का भी प्रसारण होगा। पुलिस, प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पूरे शहर को लाइट्स से सजाया जा रहा है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)