Chanakya Niti : चाणक्य भारतीय इतिहास में महान विचारक, राजनीतिज्ञ और धर्मगुरु के रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्हें चाणक्य नीति के लेखक के रूप में भी जाना जाता है। चाणक्य को चंद्रगुप्त या कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है, जिन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। वे मौर्य साम्राज्य के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के मुख्य सलाहकार भी थे। इन ग्रंथ में राजा के कर्तव्य, राज्य के प्रबंधन, राजनीतिक युद्ध और आर्थिक व्यवस्था के नियमों का विस्तार किया गया है। बता दें कि उनका जन्म लगभग 350–283 ईसा पूर्व माना जाता है।
तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको चाणक्य नीति में बताए गए उन बातों को बताएंगे। जिसके अनुसार, व्यक्ति को इन 4 चीजों से हमेशा दूरी बनाकर रखना चाहिए। अन्यथा, वह हमेशा परेशानियों से गिरा रह सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से…
मूर्खों से सलाह
- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी इंसान को मूर्ख लोगों से सलाह नहीं लेनी चाहिए। इससे आपका बड़ा नुकसान हो सकता है।
- मुर्ख इंसान से तात्पर्य है कि जो उचित ज्ञान देने में असमर्थ हो वैसे लोगों से दूर रहना ही उचित माना जाता है। इससे केवल आपका समय व्यर्थ होता है।
- इसके साथ ही आप सदैव परेशानियों से घिरे रह सकते हैं। इसलिए चाणक्य नीति में यह बताया गया है कि मूर्ख दोस्त से दुश्मन भला होता है।
दुखी इंसान से दूरी
- जो लोग हमेशा दुखी रहते हैं या आपसे बुरे तरीके से बात करते हैं। उनसे सदैव दूर रहना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग नकारात्मकता से भरे होते हैं, जिससे आपको आगे चलकर नुकसान हो सकता है।
- चाणक्य नीति के अनुसार, संगति का असर काफी गहरा पड़ता है। अगर आप उनके साथ रहेंगे तो आप भी उन्हीं के जैसे हो सकते हैं।
- आचार्य चाणक्य ने यह बताया है कि ऐसे लोगों से अपने आप को जितनी जल्दी हो सके दूर कर ले इसी में आपकी समझदारी है।
ऐसी महिलाओं से रहे दूर
- चाणक्य नीति में यह बताया गया है कि वैसी महिलाओं से दूर रहना चाहिए, जो अपनी गलती नहीं मानती और केवल अपनी-अपनी चलाती हैं।
- इसके अलावा, वह किसी की बात नहीं सुनती। शादी के बाद भी वह सब पर अपना जोर चलाना चाहती है। ऐसी महिलाएं आपकी जिंदगी को नर्क बना सकती हैं। इसलिए इनसे दूर रहें।
- इस प्रकार के स्वभाव की महिलाएं केवल खुद के बारे में सोचती है। उन्हें पति, संतान, माता-पिता या अन्य रिश्तों की बिल्कुल भी कदर नहीं होती और ऐसे में वह लोगों को नुकसान भी पहुंचा सकती है।
धन नष्ट होने का डर
- चाणक्य नीति में बताया गया कि ऐसे लोग पैसों की तंगी से आए दिन घिरे रहते हैं। जिनके मन में धन के नष्ट होने का डर सताता रहता है, वह पैसे को खर्च करने पर अफसोस करते हैं।
- समय के हिसाब से धन को व्यय करना नहीं जानते, वैसे लोग आर्थिक संकट से हमेशा जूझते हैं क्योंकि ऐसे लोगों से माता लक्ष्मी भी नाराज हो जाती हैं।
- ऐसे लोग धन होते हुए भी उसे समय पर खर्च नहीं कर पाते और इस तरह उनकी जिंदगी बेकार हो सकती है। इसलिए फालतू के खर्च न करें, लेकिन जहां जरूरत हो वहां पर अवश्य खर्च करना चाहिए। यही बुद्धिमानी है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)