आपके बर्ताव में दिखें ये बदलाव तो समझ लें राहु का पड़ रहा है बुरा प्रभाव, ऐसे पता चलता है पाप ग्रह का शुभ अशुभ प्रभाव

rahu grah

Astrology Rahu Grah  : राहु का नाम ही ऐसा है जिसे सुनकर डर लगता है। पाप ग्रह कहलाने वाला राहु का असर ही ऐसा होता है कि लगता है वो अशुभ ही करेंगे, लेकिन ऐसा है नहीं। इस ग्रह का कुछ शुभ असर भी होता है। आपकी जिंदगी में कुछ, कभी अचानक घटे तो ये राहु का असर हो सकता है। ये ग्रह किसी को बहुत हुनरमंद बना सकता है या एकदम दब्बू, आपको भी अपने बर्ताव में कुछ खास बदलाव दिखें तो समझ लीजिए आप पर राहु का कुछ अच्छा या बुरा प्रभाव है।

कैसे लगाएँ अनुमान 

  1. जिन पर राहु का प्रभाव अच्छा होता है वो लोग हाजिरजवाब होते हैं और बातों से दूसरों का दिल जीत लेते हैं।
  2. राहु के शुभ प्रभाव से जातक हर शत्रु को अपना मित्र बनाने की काबिलियत रखते हैं।
  3. राहु का प्रभाव अच्छा होता है तो जातक मुश्किल में तो फंसते हैं लेकिन उससे बाहर भी निकल आते हैं।
  4. राहु प्रबल होता है तो विदेश जाने के योग या राजनीति में जाने के योग होते हैं, ये लोग हमेशा मेहनत करने के लिए तैयार रहते हैं।
  5. राहु का प्रभाव अशुभ हो तो व्यक्ति को झूठ बोलने की आदत होती है।
  6. राहु के अशुभ प्रभाव के चलते बेवजह डर लगता है औऱ वहम होते हैं।
  7. राहु के बुरे प्रभाव के चलते व्यक्ति नशे की लत या बुरे काम में डूब जाता है।
  8. जिन लोगों पर राहु का बुरा प्रभाव होता है वो लोग जुबान से भी बुरे होते हैं।
  9. राहु के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए गाय को हर दिन हरा चारा खिलाना चाहिए।
  10. राहु के बुरे प्रभाव से व्यक्ति को राजनीति या ऐसे किसी क्षेत्र में बड़ा मुकाम तो मिलता है लेकिन बदनामी होने की भी संभावना होती है।
  11. राहु का प्रकोप ज्यादा हो जाए तो घर में शांति का अनुष्ठान करना चाहिए।

कौन है राहु

मान्यताओं की मानें तो समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत मिला और यह तय हुआ की अमृत को पहले देवता और फिर दानव ग्रहण करेंगे, उस वक्त भेष बदलकर स्वरभानु नाम का दानव देवताओं की श्रेणी में आकर खड़ा हो गया। लेकिन पास ही खड़े देवताओं ने उसके छल को पहचान लिया और उसकी पहचान उजागर हो गई। इसके बाद भगवान विष्णु ने क्रोध वश अपने सुदर्शन चक्र से उसका सर धड़ से अलग कर दिया। राहु ग्रह इसी स्वरभानु नाम के दानव के कटे हुए सर को माना जाता है। क्योंकि अमृत उसके गले से नीचे नहीं उतर पाया था और उससे पहले ही भगवान विष्णु द्वारा उसका गला काट दिया गया था इसलिए उसका धड अमृतविहीन हो गया और सर अमर हो गया।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।