भोपाल। तीस साल बाद शनि का शुक्रवार को मकर राशि में प्रवेश होगा। प्रवेश के साथ ही वृश्चिक की साढ़े साती व वृषभ-कन्या राशि की ढैय्या समाप्त हो जाएगी। पं. रामजीवन दुबे गुरुजी के मुताबिक परिधावी संवत्सर के राजा शनि व मंत्री सूर्य है। माघ कृष्ण पक्ष मौनी अमावस्या शुक्रवार 24 जनवरी को शनि धनु से मकर राशि में भ्रमण करेंगे। शनि एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब ढाई साल का वत लेते हैं। शनि ग्रह का विशेष महत्व होता है। जब भी शनि राशि बदलता है या फिर मार्गी से वक्री अवस्था में आता है इसका व्यापक असर सभी राशियों के जातकों पर पड़ता है। इस साल शनि अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं।
शनि की साढ़ेसाती
धनु, मकर, कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी। वृश्चिक पर साढ़े साती समाप्त हो जाएगी। शनि के राशि परिवर्तन से मिथुन और तुला राशि पर ढैय्या शुरू हो जाएगी। वही वृषभ और कन्या पर से शनि की ढैय्या उतर जाएगी।