Diwali 2023/Mantras to be recited before and after Aarti : दीपावली की शाम मां लक्ष्मी गणेश की पूजा करने के बाद सामान्यतया हर घर में आरती गाई जाती है। गणेश जी, लक्ष्मी माता की आरती के साथ अलग अलग परिवारों में उनकी श्रद्धानुसार अलग अलग इष्टदेवों की आरती होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आरती से पहले और बाद में कुछ मंत्रों का जाप करना आवश्यक बताया गया है। मान्यता है कि गुरु की वंदना करने के लिए, देवी देवताओं को जाग्रत करने के लिए और उन्हें प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों को अवश्य पढ़ना चाहिए।
आरती से पहले करें इन मंत्रों का जाप
हमारे यहां गुरु को गोविंद से भी ऊपर बताया गया है। कहा जाता है कि ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग गुरु ही बताते हैं। इसलिए आरती प्रारंभ करने से पहले अपने गुरु का आह्वान करते हुए गुरु मंत्र पढ़ना चाहिए। इसी तरह पूजा करने से पहले स्वस्ति वाचन कर देवी देवताओं को जाग्रत किया जाता है। स्वस्ति मंत्र शुभ और शांति के लिए किया जाता है। आरती करने के पहले इसका भी पाठ करना चाहिए। गुरु मंत्री और स्वस्ति निम्नानुसार है :
गुरु मंत्र
“ॐ बृं बृहस्पतये नमः।। ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।। ॐ ह्रीं नमः। ॐ ह्रां आं क्षंयों सः ।।”
स्वस्ति मंत्री
“ऊं शांति सुशान्ति: सर्वारिष्ट शान्ति भवतु। ऊं लक्ष्मीनारायणाभ्यां नम:। ऊं उमामहेश्वराभ्यां नम:। वाणी हिरण्यगर्भाभ्यां नम:। ऊं शचीपुरन्दराभ्यां नम:। ऊं मातापितृ चरण कमलभ्यो नम:। ऊं इष्टदेवाताभ्यो नम:। ऊं कुलदेवताभ्यो नम:।ऊं ग्रामदेवताभ्यो नम:। ऊं स्थान देवताभ्यो नम:। ऊं वास्तुदेवताभ्यो नम:। ऊं सर्वे देवेभ्यो नम:। ऊं सर्वेभ्यो ब्राह्मणोभ्यो नम:। ऊं सिद्धि बुद्धि सहिताय श्रीमन्यहा गणाधिपतये नम:।ऊं स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।स्वस्ति नो ब्रिहस्पतिर्दधातु ॥ ऊं शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥”
आरती के बाद पढ़ा जाने वाला मंत्र
इसी तरह आरती पूर्ण होने के बाद शिवजी की स्तुति करने वाला मंत्र पढ़ा जाता है। शिवपुराण में बताया गया है कि शिवजी की इच्छा मात्र से ही इस सृष्टि की रचना ब्रह्माजी ने की है। इसीलिए शिवशंकर को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और आरती के पूर्ण होने पर इस मंत्र का जाप किया जाता है। मान्यता है कि इससे सभी देवी देवता प्रसन्न होते हैं।
“कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानी सहितं नमामि।।”
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न धार्मिक स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)