Sindoor Rules: सुहागिन महिलाओं की सुहाग की निशानी होता है सिंदूर और मंगलसूत्र। शादीशुदा महिलाओं को अपनी मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहनना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। सनातन धर्म में इन दोनों ही चीजों का विशेष महत्व हैं, इन दोनों महत्वपूर्ण चीजों को महिलाओं के सुहाग का प्रतीक माना जाता है। आपने यह डायलॉग एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू…..तो सुना ही होगा आज हम आपको इसी एक चुटकी सिंदूर के बारे में बताने जा रहे हैं। हिंदू धर्म में सिंदूर को महिलाओं के लिए बहुत पवित्र माना जाता है, न सिर्फ सिंदूर बल्कि जिस जगह पर सिंदूर लगाया जाता है वह जगह भी बहुत पवित्र मानी गई है। शास्त्रों में सिंदूर लगाने के कई नियम बताए गए हैं जिनका पालन करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती है, और आने वाली परेशानी टल जाती है। आज हम आपको इस लेख के द्वारा उन नियमों के बारे में बताएंगे, तो चलिए जानते हैं।
कब लगाना चाहिए सिंदूर?
सिंदूर को महिलाओं के 16 श्रृंगारों में से एक माना जाता है। विवाहित महिलाओं के जीवन में सिंदूर का विशेष महत्व होता है। वैसे तो सिंदूर को रोज ही लगाना चाहिए। लेकिन पूजा-पाठ के दौरान सिंदूर लगाने का विशेष महत्व होता है। इसलिए सुहागिन महिलाओं को पूजा-पाठ के दौरान मांग में सिंदूर जरूर लगाना चाहिए। हिंदू धर्म में पति की लंबी उम्र के लिए जितने भी व्रत रखे जाते हैं। जैसे वट सावित्री पूजा, करवा चौथ, तीज आदि इन सभी व्रत के दौरान सिंदूर लगाना चाहिए। ऐसा करने से पति की लंबी आयु होती है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
किस तरह लगाएं सिंदूर?
अक्सर कई महिलाएं ट्रेंड और नए फैशन को अपनाते हुए टेढ़ी-मेढ़ी मांगों में भी सिंदूर लगाती हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल ना करें सिंदूर को हमेशा अपने बालों के बीचों-बीच वाली सीधी मांग में ही लगाना चाहिए। वहीं कई महिलाएं बीचों-बीच मांग में सिंदूर तो लगाती हैं, लेकिन इतना कम लगाती हैं कि वह दिखाई ही नहीं देता है। सिंदूर को लेकर ऐसा कहा जाता है की लंबी भरी मांग जीवन में ज्यादा लाभकारी होती है। यह पति पर आने वाले हर दुखों को दूर करता है।
सिंदूर लगाते वक्त किस दिशा में रखें मुंह?
हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। बड़ी से लेकर छोटी हर चीजों में वास्तु शास्त्र से जुड़ी कुछ ना कुछ नियम जरूर होते हैं। ऐसे ही वास्तु शास्त्र में सिंदूर लगाने के भी नियम बताए गए है। ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं को सिंदूर लगाते समय दक्षिण दिशा की तरफ मुंह नहीं करना चाहिए। यह जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। दक्षिण दिशा में मुंह करके सिंदूर लगाने से वैवाहिक जीवन में बुरा असर पड़ सकता है।दक्षिण दिशा के अलावा तीनों दिशा सिंदूर लगाने के लिए अच्छी मानी जाती है।
क्या कहता हैं विज्ञान?
अगर विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के मस्तिष्क का ऊपरी भाग बहुत ही संवेदनशील और कोमल होता है। इसी स्थान पर सिंदूर लगाया जाता है। सिंदूर में पाए जाने वाले तत्व इस स्थान से शरीर में मौजूद विद्युत ऊर्जा को नियंत्रित करते हैं। जिस वजह से बाहरी दुष्प्रभाव से बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा विज्ञान में ऐसा भी कहा गया है कि सिंदूर में पारा धातु की मात्रा होती है जिससे चेहरे पर झुरिया नहीं पड़ती है। बढ़ती उम्र में भी महिलाएं जवां दिखती है।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)