Ganpati Visarjan 2023 : हिंदू धर्म में गणेश जी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। गजानन को विघ्नहर्ता, खुशकर्ता, विनायक आदि कई नामों से भी पुकारा जाता है। यह त्योहार भारत समेत हिंदू समुदायों में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाती है। जिसके बाद 10 दिनों तक विधि-विधान के साथ उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं, गणपति विसर्जन का आयोजन भी बड़े धूमधाम से किया जाता है जो कि गणेश चतुर्थी के दसवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। आइए विस्तार से जानें विसर्जन करने से पहले के कुछ नियम और शुभ मुहूर्त…
विसर्जन का शुभ मुहूर्त
दिन | तारिख | शुभ मुहूर्त |
5वां दिन | 23 सिंतबर | सुबह 06.11 बजे से सुबह 07.40 बजे तक सुबह 09.12 बजे से सुबह 10.40 बजे तक दोपहर 01.43 बजे से रात 07.42 बजे तक |
7वां दिन | 25 सिंतबर | सुबह 06.11 बजे से सुबह 07.40 बजे तक सुबह 09.12 बजे से सुबह 10.40 बजे तक दोपहर 01.43 बजे से रात 07.42 बजे तक |
अनंत चतुर्दशी | 28 सिंतबर | सुबह 05.38 बजे से 07.09 बजे तक 08.39 बजे से 10.10 बजे तक दोपहर में 01.11 बजे से 05.43 बजे तक शाम 05.43 बजे से 07.12 बजे तक |
विसर्जन से पहले करें ये काम
- गणपति बप्पा का विसर्जन करने से पहले उनकी विधि-विधान के साथ पूजा करें। जिससे आपके परिवार पर सदैव उनकी कृपा बनी रही।
- पूजा के दौरान आप लाल चन्दन, लाल पुष्प, दूर्वा, बेसन के लड्डू, पान, सुपारी, धूप और दीपक बप्पा को अर्पित करें।
- जिसके बाद गणेश जी की पूजा के बाद आरती करें। उनके सामने दीपक और धूप जलाएं।
- गणेश मंत्रों का पाठ करें, जैसे कि “ॐ गं गणपतये नमः” और अन्य गणेश मंत्र।
- हवन के दौरान गणेश मंत्रों का पाठ करें।
- गणेश जी को पूजा के बाद लड्डू और अन्य प्रसाद के रूप में खिलाएं।
- गणपति विसर्जन की तैयारी करें, जैसे कि मूर्ति को समुद्र या जल स्रोत में ले जाएं।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)