Magh Purnima: सनातन धर्म में हर तिथि का विशेष महत्व है। जिसमे से माघ पूर्णिमा तिथि को बहुत शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। इस दिन शुभ फलों की प्राप्ति के लिए लोग भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करते हैं दान पुण्य करते हैं और तरह तरह के उपाय करते हैं। अगर आप भी भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो माघ पूर्णिमा के दिन पूजा के दौरान श्री हरिहर स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आ रही तमाम परेशानियां दूर हो जाती है, व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसी के साथ चलिए जानते हैं कि श्रीहरि स्तोत्र का पाठ कैसे किया जाता है साथ ही साथ मां पूर्णिमा के दिन क्या-क्या काम करने चाहिए और क्या-क्या काम नहीं करना चाहिए।
श्री हरि स्त्रोत्र का पाठ
जगज्जालपालं कनत्कण्ठमालं
शरच्चन्द्रफालं महादैत्यकालम् ।
नभोनीलकायं दुरावारमायं
सुपद्मासहायं भजेहं भजेहं ॥
सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं
जगत्सन्निवासं शतादित्यभासम् ।
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं
हसच्चारुवक्त्रं भजेहं भजेहं ॥
रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं
जलान्तर्विहारं धराभारहारम् ।
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं
धृतानेकरूपं भजेहं भजेहं ॥
जराजन्महीनं परानन्दपीनं
समाधानलीनं सदैवानवीनम् ।
जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुं
त्रिलोकैकसेतुं भजेहं भजेहं ॥
कृताम्नायगानं खगाधीशयानं
विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानम् ।
स्वभक्तानुकूलं जगद्वृक्षमूलं
निरस्तार्तशूलं भजेहं भजेहं ॥
समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशं
जगद्बिम्बलेशं हृदाकाशवेशम् ।
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहं
सुवैकुण्ठगेहं भजेहं भजेहं ॥
सुरालीबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं
गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठम् ।
सदा युद्धधीरं महावीरवीरं
भवाम्भोधितीरं भजेहं भजेहं॥
रमावामभागं तलालग्ननागं
कृताधीनयागं गतारागरागम् ।
मुनीन्द्रैस्सुगीतं सुरैस्सम्परीतं
गुणौघैरतीतं भजेहं भजेहं ॥
फलश्रुति ।
इदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तं
पठेदष्टकं कण्ठहारं मुरारेः ।
स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकं
जराजन्मशोकं पुनर्विन्दते नो ॥
इति श्री परमहंसस्वामि ब्रह्मानन्दविरचितं श्री हरि स्तोत्रम् ॥
माघ पूर्णिमा का महत्व
माघ पूर्णिमा को भगवान विष्णु का जन्मदिन माना जाता है। इस दिन, भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। माघ पूर्णिमा को “स्नान पूर्णिमा” भी कहा जाता है। इस दिन, लोग पवित्र नदी में स्नान करते हैं और अपने पापों को धोते हैं। माघ पूर्णिमा को “मोक्ष प्राप्ति” का दिन भी माना जाता है। इस दिन, लोग अपने कर्मों से मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दिन को लेकर ऐसा कहा जाता है, की जो भी व्यक्ति मांग पूर्णिमा के दिन किसी गरीब को खाना खिला है उसे पर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। उसके घर में कभी भी धन दौलत की कमी नहीं होती है।
माघ पूर्णिमा के दिन क्या करें
स्नान: माघ पूर्णिमा के दिन, लोग सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है, अगर आप किसी कारण के चलते पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो आप अपने नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
पूजा: लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें और ध्यान करें।
दान: माघ पूर्णिमा के दिन, लोग दान करते हैं। दान करने से पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व इसलिए गरीब और जरूरतमंद लोगों को अपनी इच्छानुसार दान करें।
व्रत: कुछ लोग माघ पूर्णिमा के दिन व्रत रखते हैं। पूर्णिमा के दिन व्रत रखना भी बहुत शुभ माना जाता है।
जाप: लोग भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करते हैं। भगवान विष्णु की पूजा के दौरान उनके मित्रों का जाप करना शुभ रहता है।
माघ पूर्णिमा के दिन क्या न करें
मांसाहार: माघ पूर्णिमा के दिन, लोग मांसाहार नहीं करते हैं। इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए।
शराब: माघ पूर्णिमा के दिन, लोग शराब नहीं पीना हैं। पूर्णिमा के दिन शराब और धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।
झूठ: माघ पूर्णिमा के दिन, लोग झूठ नहीं बोलते हैं। साथ ही साथ इस दिन क्रोध भी नहीं करना चाहिए।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)