Ghanti Significance: हिंदू धर्म में पूजा पाठ के दौरान घंटी का विशेष महत्व होता है। यह न केवल पूजा की प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा है, बल्कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घंटी बजाना नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और वातावरण को सकारात्मक बनता है। जब आरती की जाती है, तो घंटी की आवाज से भगवान तक भक्तों की प्रार्थनाएं पहुंचती है।
बहुत लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर घंटी के ऊपर किस भगवान का चित्र बना रहता है और आखिर यह चित्र क्यों बना हुआ रहता है, तो हम आपको बता दें, कि इसके पीछे विशेष कारण है। यह चित्र उस देवता के आशीर्वाद का प्रतीक होता है जिसे पूजा का प्रभाव और भी मजबूत हो जाता है। घंटी बजाने से मन को शांति मिलती है और घर के वातावरण में एक दिव्य ऊर्जा का संचार होता है।
घंटियों के प्रकार और उनका महत्व
मंदिरों या घरों में उपयोग की जाने वाली घंटियां चार प्रमुख प्रकार की होती हैं, जो अपनी खास विशेषताओं के लिए जानी जाती है। पहले गरुड़ घंटी जो छोटी होती है और उसे हाथ से बजाया जाता है। दूसरी हाथ घंटी जो पीतल से बनी गोल्ड प्लेट जैसी होती है, जिसे लकड़ी के गद्दे से ठोक कर बजाया जाता है।
तीसरी घंटी द्वारा घंटी जो मंदिर के द्वार पर लटकी होती है और यह बड़ी या छोटी दोनों प्रकार की हो सकती है, और चौथी घंटी जिसे घंटा कहा जाता है जो बहुत ही बड़ा होती है लगभग 5 फुट लंबी और चौड़ी और इसकी आवाज कई किलोमीटर तक सुनाई देती है, हर घंटी का अपनी जगह पर उद्देश्य होता है और उनकी ध्वनि पूजा स्थल पर एक दिव्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
गरुड़ घंटी का महत्त्व
हिंदू धर्म में यह मानता है कि सृष्टि की रचना उसे दिव्य नाथ से हुई थी जो गरुड़ घंटी से निकलता है। इस घंटी की आवाज को पवित्र माना जाता है जो हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने में सक्षम होती है। पूजा-पाठ या आरती के दौरान घंटी बजाने से वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो आसपास की सभी अशुभ शक्तियों को दूर करता है। घर की पूजा स्थान में उपयोग की जाने वाली गरुड़ घंटी विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए होती है जिससे न केवल पूजा का माहौल पवित्र बनता है बल्कि घर में शांति और समृद्धि भी बनी रहती है।
घंटी पर क्यों बानी होती है गरुड़ भगवान की छवि
घर और मंदिरों में उपयोग की जाने वाली गरुड़ घंटी के ऊपर अक्सर गरुड़ भगवान की छवि बनी हुई होती है, जो उसे विशेष धार्मिक महत्व देती है। यह घंटी छोटे आकार की होती है और इसका उपयोग पूजा के दौरान बहुत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि गरुड़ घंटी का उपयोग करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
क्योंकि इसकी आवाज से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा जिन घरों में गरुड़ घंटी का इस्तेमाल नियमित रूप से किया जाता है। वहां हमेशा शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, जिससे घर के सभी सदस्य मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।
कौन है गरुड़ देवता
हिंदू धर्म में गरुड़ देवता को भगवान विष्णु का वाहन माना गया है और इन्हें भगवान विष्णु के महत्वपूर्ण पक्षी के रूप में पूजा जाता है। पूजा की घंटी में गरुड़ देवता का चित्र अंकित होता है, जो उनके दिव्य महत्व को दर्शाता है।
ऐसा माना जाता है कि यह चित्र भक्तों के संदेशों को भगवान विष्णु तक पहुंचाता है। जब गरुड़ घंटी बजाई जाती है, तो वह भगवान तक भक्तों की प्रार्थना और मनोकामना को सीधे पहुंचाती है, जिससे उनकी इच्छाएं पूरी होती है और उनकी प्रार्थनाएं स्वीकृत होती है।