Hindu Belief: हिंदू धर्म में पूजन पाठ, व्रत, नियम और रिवाज को काफी महत्व दिया जाता है। यहां निभाई जाने वाली हर रस्म के पीछे कोई ना कोई उचित कारण होता है। व्यक्ति अगर अपने जीवन में खुशहाली चाहता है तो अक्सर उसे धार्मिक नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है।
भगवान की पूजन हवन और सभी तरह के नियम कायदे इसलिए निभाए जाते हैं ताकि हमारे जीवन में भगवान का आशीर्वाद बना रहे और हम खुशहाली और समृद्धि हासिल कर सकें। हालांकि जाने अनजाने में कभी कभी हम कुछ ऐसी भूल कर जाते हैं, जिसकी वजह से हमें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे नियम बताते हैं। जिनका पालन कुंवारी कन्याओं को जरूर करना चाहिए वरना उन्हें आगे परेशानी होती है।
बिछिया
बिछिया सुहागन औरतों के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। कुंवारी कन्याओं को कभी भी बिछिया नहीं पहनना चाहिए यह उनके लिए अच्छा नहीं होता है।
सिंदूर
सिंदूर किसी भी सुहागन महिला के श्रृंगार का सबसे जरूरी हिस्सा होता है। यह सबसे पवित्र आभूषण कहा जाता है। कुंवारी कन्या को विवाह से पहले सिंदूर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
पैर छूना
हमारे यहां स्त्री को देवी तुल्य माना गया है। कुंवारी कन्याओं को माता का स्वरूप माना जाता है और उनकी पूजन की जाती है। यही कारण है की कुंवारी कन्याओं से पैर नहीं पड़वाए जाते हैं।
बाल खुले
घर के बड़े बुजुर्ग अक्सर ही लड़कियों को बाल खोलने से मना करते हैं। ऐसा कहा जाता है की कुंवारी लड़कियों को बाल खोलकर नहीं सोना चाहिए। इससे उनके जीवन में नकारात्मकता आती है। हालांकि कहीं ना कहीं इसका वैज्ञानिक कारण भी है जो बालों की सेहत से जुड़ा हुआ है।
तुलसी में जल
यह भी कहा जाता है कि कुंवारी कन्याओं को तुलसी को जल नहीं देना चाहिए। इसके पीछे तुलसी जिनका मूल नाम वृंदा था। जलंधर और भगवान विष्णु की एक कहानी है।
सुहागिनों का व्रत
कई बार जानकारी न होने के कारण कुंवारी लड़कियां वह व्रत भी कर लेती हैं जो सिर्फ सुहागन महिलाएं रखती हैं। जरूरी है कि अगर आप कोई व्रत रखने जा रहे हैं तो उसके संबंध में अच्छे पंडित या विद्वान से जानकारी एकत्रित कर लें।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।