Hindu Marriage Rules: सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का सदियों से विशेष स्थान रहा है। यह शास्त्र ग्रहों और नक्षत्रों की चाल का अध्ययन करके व्यक्ति के जीवन, उसके स्वभाव और भविष्य के बारे में जानकारी देता है। ज्योतिषी कुंडली का विश्लेषण करके व्यक्ति के चरित्र, शिक्षा, करियर, विवाह, स्वास्थ्य, संतान और धन-धान्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं। विवाह, एक पवित्र बंधन, जिसके सफल होने के लिए आपसी तालमेल और समझदारी अत्यंत आवश्यक है।
सनातन धर्म में विवाह को एक दिव्य और पवित्र बंधन माना जाता है, जो दो आत्माओं का मिलन होता है। इस शुभ अवसर पर कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जो सदियों से चली आ रही परंपराओं का हिस्सा हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है – गठबंधन। गठबंधन समारोह में, वर और वधू को मंत्रों के साथ एक पवित्र धागे में बांधा जाता है। यह सोने या चांदी का बना धागा होता है, जिसे मंगल ग्रह को समर्पित किया जाता है। यह अनुष्ठान इस बात का प्रतीक है कि विवाह के बाद दोनों जीवन भर साथ रहने का वचन लेते हैं।
इसके साथ ही, विवाह के दौरान वधू के आंचल में 5 विशेष वस्तुएं रखी जाती हैं, जिनका प्रतीकात्मक महत्व होता है। इन वस्तुओं को आंचल में रखने का मतलब यह है कि वर और वधू मिलकर इन सभी आशीर्वादों को प्राप्त करने का संकल्प लेते हैं। गठबंधन और आंचल में रखी गई ये वस्तुएं मिलकर विवाह की पवित्रता और दैवीय महत्व को दर्शाती हैं। यह न सिर्फ एक सामाजिक बंधन है, बल्कि यह जीवन भर साथ रहने, एक-दूसरे का सम्मान करने और प्रेमपूर्वक जीवन व्यतीत करने का वचन भी है।
हल्दी
जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है। हल्दी रंग सुख और सौभाग्य का प्रतीक है। भगवान विष्णु को हल्दी अर्पित करने से घर में शुभ और मंगल का आगमन होता है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसीलिए, गठबंधन के समय आंचल में हल्दी रखी जाती है। हल्दी का रंग पीला होता है, जो सूर्य का प्रतीक है। सूर्य को ऊर्जा और जीवन का देवता माना जाता है। गठबंधन में हल्दी रखने से वर-वधू के जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो इसे पवित्र और शुभ बनाते हैं।
सिक्का
गठबंधन के समय आंचल में रखा गया सिक्का केवल धन का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह कई महत्वपूर्ण विचारों को दर्शाता है। सिक्का धन और समृद्धि का प्रतीक है। गठबंधन में सिक्का रखने से यह दर्शाया जाता है कि वर-वधू मिलकर जीवन में आर्थिक स्थिरता प्राप्त करेंगे और धन-धान्य से संपन्न रहेंगे। यह दर्शाता है कि वर और वधू दोनों का धन पर समान अधिकार होगा। वित्तीय मामलों में दोनों की सहमति और साझेदारी महत्वपूर्ण होगी।
दूर्वा
गठबंधन के समय आंचल में रखा गया दूर्वा, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह केवल एक साधारण घास नहीं है, बल्कि अनेक गुणों और प्रतीकों का समावेश करता है।दूर्वा भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है। गठबंधन में दूर्वा रखने से वर-वधू को भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो विघ्नहर्ता और मंगलकारी देवता हैं। उनकी कृपा से वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
अक्षत
गठबंधन के समय वधू के आंचल में रखा गया अक्षत, सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह केवल चावल का दाना नहीं है, बल्कि अनेक आशीर्वादों और शुभकामनाओं का प्रतीक है। चावल को अन्न और धन का प्रतीक माना जाता है। गठबंधन में अक्षत रखने से वर-वधू को जीवन में धन-धान्य और समृद्धि प्राप्त करने का आशीर्वाद मिलता है। यह दर्शाता है कि उनके घर में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होगी। मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है।
गठबंधन में अक्षत रखने से वर-वधू को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह उनके जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का आगमन करता है।
पुष्प
देवी-देवताओं को पूजा के समय पुष्प अर्पित किए जाते हैं। पुष्प सकारात्मक ऊर्जा, प्रेम, सुख, सौभाग्य, प्रसन्नता और सम्मान का प्रतीक हैं। यह प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक है। फूल जीवन में खुशी और समृद्धि लाते हैं। विवाह के समय दुल्हन के आंचल में भी पुष्प रखा जाता है। यह इसलिए किया जाता है ताकि वर और वधू के वैवाहिक जीवन में प्रेम, सुख, सौभाग्य और प्रसन्नता बनी रहे।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)