Holashtak 2023: 27 फरवरी से शुरू हो रहा है होलाष्टक, 9 दिनों तक इन 5 राशियों को रहना होगा सतर्क

Manisha Kumari Pandey
Published on -
RAJYOG

Holashtak 2023: होली के 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है। हिन्दू धर्म में इसका बेहद खास महत्व होता है। इस साल का होलाष्टक और भी विशेष होगा। आठ दिनों के बजाए 9 दिनों तक यह मनाया जाएगा । 27 फरवरी दोपहर 12:59 बजे इसकी शुरुआत हो जाएगी। 7 मार्च को इसकी समाप्ति होगी। इसलिए इस समय में शुभ कार्यों पर रोक होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दौरान ग्रह उग्र रहते हैं। जिसका असर कई ग्रहों पर होगा। कुछ राशियों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है।

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए होलाष्टक का समय कष्टदायी हो सकता है। इन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रॉपर्टी के जुड़े विवाद परेशानियाँ बढ़ा सकती है। नौकरी की तलाश में समय लग सकता है।

मिथुन राशि

इस राशि के जातकों को तनाव हो सकता है। आर्थिक समस्याएं हो सकती है। निवेश करने के बचे। खर्चों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसलिए सावधान रहें।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों को रुपये और पैसों के मामले में सावधानी बरतने की जरूरत है। किसी से भी अपने सीक्रेट्स शेयर करने से बचे। जरूरी कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

कुम्भ राशि

इस राशि के जातकों को किसी भी भरोसा करने के बचना चाहिए। साथ ही इस समय अभिमान और आलस आपकी समस्या बढ़ा सकता है। कारोबार में भी घाटा हो सकता है।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए होलाष्टक कष्टदायी हो सकता है। खर्चों में कंट्रोल करने की जरूरत है। आर्थिक समस्या भी हो सकती है। धन हानी हो सकती है।

(Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।)

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News