अयोध्या: अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रही है राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष अनुष्ठान करने का एलान किया था। जिसमें पीएम मोदी ने 11 दिनों का उपवास रखने का भी ऐलान किया है। यदि सनातन धर्म की मानें तो यह उपवास उनके आत्मशुद्धि की प्रक्रिया में मदद करने का एक हिस्सा होगा। इस दौरान, पीएम मोदी विशेष दिनचर्या अपनाएंगे और सात्विक भोजन का पालन करेंगे। इसी को लेकर आज हम जानेंगे क्या है सात्विक भोजन करने के फायदे?
सात्विक भोजन शैली का महत्व:
आयुर्वेद में सात्विक भोजन को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है। इस भोजन शैली का अनुसरण करने से शरीर, मन, और आत्मा सभी को साकारत्मक प्रभाव होता है। इसमें पौष्टिक तत्वों का संतुलन होता है और यह त्वचा, बाल, नाखून, आँखें, और दांतों के लिए भी लाभकारी है। सात्विक भोजन त्वचा को निखार और चमक प्रदान करता है और रूग्ण रोगों को दूर रखने में मदद करता है। यह शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
पीएम मोदी का 11 दिनों का उपवास:
प्रधानमंत्री ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 11 दिनों का उपवास रखा है, जो विशेष आध्यात्मिक प्रयास का हिस्सा है। इसके दौरान, वह दिनभर की दिनचर्या में विशेषता बनाए रखेंगे और सात्विक भोजन का पालन करेंगे। सात्विक भोजन में शाकाहारी और सत्त्वपूर्ण आहार शामिल होता है जो शरीर के और मस्तिष्क के लिए उत्तम होता है। यह व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसमें ख़ास तौर पर फल, अंकुरित अनाज या हरी सब्जियां शामिल होती है।
प्रधानमंत्री का संदेश:
प्रधानमंत्री द्वारा राम मंदिर के निर्माण के इस अद्भुत मौके पर भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में उनका योगदान एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका आत्मशुद्धि उपवास और सात्विक भोजन का अनुसरण एक सकारात्मक संकेत है कि यह घड़ी विशेष आध्यात्मिक और सांस्कृतिक घड़ी है जो सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है।
इस अद्भुत अनुष्ठान के माध्यम से प्रधानमंत्री ने भारतीय संस्कृति, धार्मिकता, और आत्मनिर्भर भविष्य के प्रति अपना समर्पण पुनः प्रकट किया है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उनके समर्पण और आत्मशक्ति का संकल्प पूरे देश को एक सजीव उदाहरण के रूप में मिलेगा, जो सभी भारतीयों को मिलकर समृद्धि और एकता की दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।