बिना पैसे खर्च किए, बहुत आसानी से प्रसन्न होंगे शनि देव, बस नियमित करें ये पाठ

Shashank Baranwal
Published on -
Shani Dev

Shani Dev Worship: सभी नौ ग्रहों के बीच शनि ग्रह ऐसा ग्रह है जिसके क्रोध से भी डर लगता है और जिसे प्रसन्न करने के तरीकों से भी डर लगता है। ये भी माना जाता है कि हर व्यक्ति के जीवन में एक न एक बार शनि की दशा आती ही है। ये मान्यता है कि तीस साल तक शनि देव अलग अलग राशियों में भ्रमण करते हैं। ये अवधि पूरी होने के बाद दोबारा अपनी राशि में लौटकर आ जाते हैं और जब शनि किसी एक ही व्यक्ति के पीछे पड़ते हैं तो उसे साढ़े साती मान लिया जाता है। जिसमें शनि उस व्यक्ति के पिछले कर्मों का पूरा लेखा जोखा देखकर फल देते हैं।

जिनकी कुंडली में शनि ज्यादा अनुकूल नहीं होते या फिर साढ़ेसाती या शनि की ढैय्या नजर आती है। उन्हें शनि को प्रसन्न करने के बहुत से उपाय करने होते हैं। ज्योतिषशास्त्र में माना जाता है कि शनि को प्रसन्न करने उपाय किए जायें तो शनि का प्रकोप कुछ कम हो जाता है। कुछ उपाय ऐसे होते हैं जो बहुत आसानी से किए जा सकते हैं। अगर आप ज्यादा धनराशि खर्च करने की स्थिति में नहीं हैं तब भी आप ये उपाय आजमा सकते हैं।

शनि को शांत करने के सरल उपाय

  • ऐसा माना जाता है कि शनि, हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे निवास करते हैं। इस दिन आप पानी में शक्कर मिलाएं, उसमें काला तिल भी डाल दें। इस जल को पीपल के पेड़ पर अर्पित करने के बाद तीन बार परिक्रमा भी करें।
  • हर शनिवार को अपने लंच या डिनर में उड़द की दाल की खिचड़ी भी शामिल करें। इससे शनि का दोष कम होता है और कष्ट भी कम होते हैं।
  • हर मंगलवार को अगर आप हनुमानजी के मंदिर में दिया जलाएंगे तो भी शनि शांत होंगे। बस इस दीपक में तिल भी जरूर डाल दें।
  • हर शनिवार को दशरथ स्त्रोत का पाठ करें। ये पाठ आपको 11 बार करना चाहिए। शनि देव ने ही राजा दशरथ को ये वरदान दिया था कि उनके स्त्रोत का पाठ करने वालों के वे कष्ट हरेंगे।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है)


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News