Shani Dev Worship: सभी नौ ग्रहों के बीच शनि ग्रह ऐसा ग्रह है जिसके क्रोध से भी डर लगता है और जिसे प्रसन्न करने के तरीकों से भी डर लगता है। ये भी माना जाता है कि हर व्यक्ति के जीवन में एक न एक बार शनि की दशा आती ही है। ये मान्यता है कि तीस साल तक शनि देव अलग अलग राशियों में भ्रमण करते हैं। ये अवधि पूरी होने के बाद दोबारा अपनी राशि में लौटकर आ जाते हैं और जब शनि किसी एक ही व्यक्ति के पीछे पड़ते हैं तो उसे साढ़े साती मान लिया जाता है। जिसमें शनि उस व्यक्ति के पिछले कर्मों का पूरा लेखा जोखा देखकर फल देते हैं।
जिनकी कुंडली में शनि ज्यादा अनुकूल नहीं होते या फिर साढ़ेसाती या शनि की ढैय्या नजर आती है। उन्हें शनि को प्रसन्न करने के बहुत से उपाय करने होते हैं। ज्योतिषशास्त्र में माना जाता है कि शनि को प्रसन्न करने उपाय किए जायें तो शनि का प्रकोप कुछ कम हो जाता है। कुछ उपाय ऐसे होते हैं जो बहुत आसानी से किए जा सकते हैं। अगर आप ज्यादा धनराशि खर्च करने की स्थिति में नहीं हैं तब भी आप ये उपाय आजमा सकते हैं।
शनि को शांत करने के सरल उपाय
- ऐसा माना जाता है कि शनि, हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे निवास करते हैं। इस दिन आप पानी में शक्कर मिलाएं, उसमें काला तिल भी डाल दें। इस जल को पीपल के पेड़ पर अर्पित करने के बाद तीन बार परिक्रमा भी करें।
- हर शनिवार को अपने लंच या डिनर में उड़द की दाल की खिचड़ी भी शामिल करें। इससे शनि का दोष कम होता है और कष्ट भी कम होते हैं।
- हर मंगलवार को अगर आप हनुमानजी के मंदिर में दिया जलाएंगे तो भी शनि शांत होंगे। बस इस दीपक में तिल भी जरूर डाल दें।
- हर शनिवार को दशरथ स्त्रोत का पाठ करें। ये पाठ आपको 11 बार करना चाहिए। शनि देव ने ही राजा दशरथ को ये वरदान दिया था कि उनके स्त्रोत का पाठ करने वालों के वे कष्ट हरेंगे।
(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है)