सावन के पावन महीने में आगरा के इन शिवालयों में उमड़ती है भीड़, जानें कहां और कैसे करें दर्शन

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस पावन महीने में शिव भक्त मंदिरों में जाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। आगरा में कई प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर स्थित हैं, जहां सावन के महीने में भक्तों की भीड़ लगती है। आइए जानते हैं आगरा के कुछ प्रमुख शिव मंदिरों के बारे में।

Bhawna Choubey
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सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस महीने में सोमवार का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि सावन के सोमवार को व्रत रखने और शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। आगरा में कई प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर स्थित हैं, जहां सावन के महीने में भक्तों का तांता लगा रहता है। इन मंदिरों में जाकर आप भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं। समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को अपने गले में धारण करने के कारण भगवान शिव को विषहारी भी कहा जाता है। इसलिए, भक्त सावन के महीने में भगवान शिव पर जल चढ़ाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

मंकेश्वर महादेव मंदिर

आगरा के सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित शिव मंदिरों में से एक, मंकेश्वर महादेव मंदिर, भगवान शिव के मंकेश्वर स्वरूप को समर्पित है। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि आगरा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंदिर की अद्वितीय वास्तुकला और पारंपरिक शैली इसे भारत के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक बनाती है। शताब्दियों से, यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था और शांति का केंद्र रहा है, और आगरा की पहचान का एक अहम हिस्सा बना हुआ है।

आगरा का मंकेश्वर महादेव मंदिर सदियों से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र रहा है। इस मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना माना जाता है। यहां स्थित शिवलिंग की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है। मंदिर की प्राचीनता और पौराणिक महत्व इसे आगरा की धार्मिक विरासत का एक अनमोल रत्न बनाता है। मंदिर तक पहुंचना भी आसान है, जिससे दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं।

बल्केश्वर महादेव मंदिर

आगरा के निवासियों के लिए बल्केश्वर महादेव मंदिर अत्यंत महत्वपूर्ण है। खासकर सोमवार और सावन के महीने में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। इस मंदिर में भगवान शिव के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है और सावन में विशेष धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। रात भर जागकर भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं। मंदिर का शांत और आध्यात्मिक वातावरण भक्तों को मानसिक शांति प्रदान करता है। इसकी अद्वितीय संरचना और वास्तुकला इसे आगरा की सांस्कृतिक विरासत का एक अनमोल रत्न बनाती है।

 

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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