Janmashtami 2022 : 10 हजार मुस्लिम कारीगर वृंदावन में बनाते है श्रीकृष्ण की पोशाक, विदेशों में भी है डिमांड

Published on -
janmashtami 2022

धर्म, डेस्क रिपोर्ट। देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) की तैयारियां जोरों शोरों से और धूमधाम से चल रही है। दरअसल, कल जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। हालांकि कुछ लोग आज यानी 18 अगस्त के दिन भी जन्माष्टमी का त्योहार मना रहे हैं। लेकिन मथुरा वृंदावन में यह त्यौहार 19 अगस्त 2012 के दिन बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाने वाला है। इसको लेकर बाजारों में भी काफी ज्यादा धूम देखने को मिल रही है। बाजारों में कान्हा की पोशाक और मूर्तियां बिकना शुरू हो चुकी है। वहीं मंदिरों के श्रृंगार का सामान भी बाजारों में मिलने लग चुका है। ऐसे में लोग दूर-दूर तक जन्माष्टमी की शॉपिंग करने के लिए जा रहे हैं।

इन बॉलीवुड गानों के बिना फीका है जन्माष्टमी का जश्न, देखें वीडियो

आपको बता दें, देश विदेशों से भारत के कारीगरों के पास भगवान की पोशाक बनाने के ऑर्डर आ रहे हैं। इसी बीच हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है। जी हां बताया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के हजारों कारीगर मथुरा वृंदावन में कान्हा की पोशाक बना रहे हैं और यह इस साल ही नहीं बल्कि वह सालों से यहां कान्हा की पोशाक बनाते हुए आ रहे हैं। इतना ही नहीं मुस्लिम समुदाय के कारीगर कान्हा की पोशाक बनाते वक्त उसकी पवित्रता का भी बेहद अच्छे से ख्याल रखते हैं।

500 करोड़ तक हो सकता है कारोबार –

दरअसल 2 साल से कोरोना महामारी की वजह से जन्माष्टमी का त्योहार अच्छे से नहीं बन पाया। लेकिन इस साल यह त्यौहार काफी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। कहा जा रहा है कि इस साल भगवान की हाथों से बनी पोशाक का कारोबार 500 करोड़ तक जा सकता है। हालांकि यह काम साल भर चलता है लेकिन जन्माष्टमी के लिए 2 महीने पहले से ही इसके कारोबार में रौनक देखने को मिलती है। जन्माष्टमी के 2 महीने पहले से ही लोग भगवान की पोशाक बनाने के ऑर्डर दे देते हैं। जिसकी वजह से कारोबार की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ जाती है।

हजारों मुस्लिम कारीगर बनाते हैं पोशाक –

जानकारी के मुताबिक, एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि वृंदावन में भगवान कृष्ण की पोशाक बनाने के लिए 40 कारखाने बने हुए हैं। जिसमें 10000 से ज्यादा मुस्लिम कारीगर काम करते हैं। इन्हीं में से काम करने वाले कारीगर ने बताया है कि पोशाक बनाने का काम 50-60 साल से किया जा रहा है। सिर्फ श्री कृष्ण ही नहीं बल्कि दूसरे भगवानों की पोशाक भी कारखानों में बनाई जाती है।


About Author

Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं।मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।

Other Latest News